गायत्री प्रजापति दोषी करार: चित्रकूट गैंगरेप के दोषी पाये गए सपा के पूर्व मंत्री, कोर्ट में इस दिन होगा एलान

पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति दोषी करार हो गए हैं। गैंगरेप मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी भी दोषी पाए गए हैं।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-11-10 13:20 GMT

गायत्री प्रजापति (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Gayatri Prasad Prajapati News: समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति का अब जेल के सींखचों में जाना तय हो गया है।सूबे की चित्रकूट की महिला गैंगरेप के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति,आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीनों को कोर्ट ने गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट की धाराओं का दोषी पाया है।अब इन तीनों की सजा पर फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है।

आगामी 12 नवबंर को कोर्ट इन तीनों की सजा का एलान करेगी।इस चर्चित मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश को बरी कर दिया है।

ये है पूरा मामला

रेप पीड़िता के मुताबिक, साल 2014 में नौकरी और प्लॉट दिलाने के बहाने उसे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ स्थित गौतमपल्ली आवास पर बुलाया। वहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। इसके बाद वह अपना सुध-बुध खो बैठी।

फोटो- सोशल मीडिया

पीड़िता का यह भी आरोप है कि बेहोशी की हालत में मंत्री और उसके सहयोगी ने रेप किया था। इसका अश्लील वीडियो बनाते हुए तस्वीरें भी ली गई थीं। अश्लील वीडियो और तस्वीरों के जरिए गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके सहयोगी साल 2016 तक उसे और उसकी बेटी को हवस का शिकार बनाते रहे।

गायत्री प्रजापति की हनक के आगे पीड़िता की दर्ज नही हुई थी रिपोर्ट, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकद्दमा

समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की हनक के आगे लखनऊ की पुलिस नतमस्तक थी।पीड़िता के साथ हुए दुराचार की रिपोर्ट लखनऊ पुलिस दर्ज नहीं कर रही थी।तब गत पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली।

गत 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति, विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह, चंद्रपाल, रूपेश्वर व अशोक तिवारी के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।


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