Mahoba News: नाम -धर्म छिपाकर नाबालिग को दिया प्रेम का झांसा, हिन्दू संगठन हुए आक्रोशित
Mahoba News: लव जिहाद का यह मामला महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र के मिल्कीपुरा इलाके का है। आरोपी लगातार वह नाबालिग छात्रा को कोचिंग,स्कूल आते-जाते रास्ते में रोककर धमकाने लगा और उससे छेड़खानी करने लगा।
Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba) में लव जिहाद (love jihad) का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमे एक युवक पर नाम और धर्म छिपाकर नाबालिग को प्रेम का झांसा दिया गया। आरोपी की पहचान होने पर नाबालिग छात्रा को प्रताड़ित किया जाने लगा और घर में घुसकर अश्लीलता किए जाने का भी गंभीर आरोप लगा है। हिंदू संगठनों ने शहर कोतवाली में पहुंचकर आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखे जाने की मांग की है, वहीं पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ लिखित तहरीर दी है।
लव जिहाद का यह मामला महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र के मिल्कीपुरा (Milkipura) इलाके का है। दरअसल यहां रहने वाली 14 वर्षीय नाबालिग से इसहाक नामक युवक ने खुद को हिंदू धर्म (Hindu Religion) का राज नाम बता कर दोस्ती कर ली और दोनों के बीच फोन पर बातचीत होने लगी। आरोप है कि 15 दिन पूर्व पीड़िता को पता चला कि उक्त व्यक्ति राज नहीं बल्कि इसहाक है तो उसने उससे बात करने से मना कर दिया। आरोप है कि तभी से लगातार वह नाबालिग छात्रा को कोचिंग,स्कूल आते-जाते रास्ते में रोककर धमकाने लगा और उससे छेड़खानी करने लगा। हद तो तब हो गई जब आरोपी बीती शाम कोचिंग से लौट रही छात्रा का पीछा करते करते उसके घर मे घुस गया और उसके साथ जबरजस्ती करने लगा। तभी पीड़िता के शोर मचाने पर स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया। सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के तमाम कार्यकर्ता शहर कोतवाली पहुंच गए। उक्त मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
कई राज्यों में लव जिहाद पर कड़े कानून बनाए गए
बता दें, भारत में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ राज्य स्टार पर कानून पहले से बनते रहे हैं। लेकिन कुछ वर्षों में कई राज्यों में लव जिहाद पर कड़े कानून बनाए गए, जिसमें उत्तर प्रदेश , गुजरात , मध्यप्रदेश हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।
यूपी लव जिहाद कानून व्यवस्था
-दो अलग अलग धर्म के बीच 60 दिन पहले नोटिस देना होता है। जिसमें मजिस्ट्रेट को धर्म-परिवर्तन करने की मंशा का पता लगाने के लिए पुलिस जांच करने की भी आवश्यकता पड़ती है।
-लव जिहाद हुआ है या नहीं हुआ इसके लिए उन सभी लोगों पर भार होगा जो इसमें शामिल होंगे। जिसने धर्म परिवर्तन कराया या फिर मदद की हो। इसमें पुलिस जांच भी हो सकती है। धारा 11 के तहत कार्रवाई भी जा सकती है।
-अध्यादेश में एक साल की न्यूनतम सजा का प्रावधान है, पांच साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। लेकिन ऐसा बार बार किए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। किसी भी महिला , नाबालिग या फिर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व्यक्ति का धर्मं परिवर्ती करने का दोषी पाया जाता है तो उसके लिए अधिक सजा दी जाएगी।