Muzaffarnagar News: किसान खोद रहे थे अपना खेत, तोप का गोला मिलने से मची सनसनी
Muzaffarnagar News: 1857 की क्रांति में एक अंग्रेजी टुकड़ी पर हमला करके हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों ने उनका गोला बारूद लूट लिया था। जिसे इस क्षेत्र की ज़मीन में दबा दिया गया था।
Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर जनपद स्थित पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र के गांव गोधना निवासी फरमान के खेत में शनिवार को खुदाई के दौरान तोप का गोला (cannon ball) निकलने से सनसनी फैल गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस (UP Police) ने मौके पर पहुंचकर तोप के गोले को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। हालांकि गोला ब्रिटिशकालीन है या मुगलकालीन यह तो जांच के बाद ही पता लग पाएगा। लेकिन माना जा रहा हैं कि ये तोप का गोला अंग्रेजी शासन काल (British rule) का हैं।
दरअसल आज गोदना गांव में किसान फरमान के खेतों को समतल करने का कार्य चल रहा था। सुबह के समय जब मजदूर फावड़े से मिट्टी उठा रहे थे तो फावडा लोहे नुमा गोले से टकरा गया। थोड़ी सी खुदाई के बाद तोप का गोला दिखाई देने लगा तो मजदूर खेत से भाग खड़े हुए। खेत मालिक ने डायल 112 पर कॉल करके मामले की सूचना दी। जिस पर चौकी प्रभारी दलबल के साथ मौक पर पहुंचे और आलाधिकारियों को सूचना दी। तोप का गोला मिलने की सूचना पर मौके पर ग्रामीण जमा हो गए जिन्हें पुलिस ने वहां से हटाकर मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दी।
हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों ने लूटा था अंग्रेजी टुकड़ी का गोला बारूद
जानकारी के मुताबिक़ 1857 की क्रांति में एक अंग्रेजी टुकड़ी पर हमला करके हिंदुस्तानी क्रांतिकारियों ने उनका गोला बारूद लूट लिया था। जिसे इस क्षेत्र की ज़मीन में दबा दिया गया था। जिसके चलते समय समय पर इस क्षेत्र से कभी तोप के गोले तो कभी तोपें निकलती रहती हैं।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए पुरकाज़ी नगर पंचायत के चैयरमैन ज़ाहिर फारुखी ने बताया की आज पुरकाजी ब्लॉक के हरिनगर और गोदना के जंगलों में फ़रमान पुत्र लियाकत के खेत से एक तोप का गोला मिला है। इस तरह के तोप के गोले पहले भी क्षेत्र से मिले हैं और इस क्षेत्र से पहले भी कई तोपे भी निकल चुकी हैं सब लोग जानते हैं आसपास का पूरा इलाका जानता है की अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में अंग्रेजों की एक टुकड़ी पर हमला करके हिंदुस्तान के क्रांतिकारियों ने उनका गोला बारूद लूट लिया था और यह खादर का जो क्षेत्र है उस समय दलदल का क्षेत्र था जहां पर लुटे गए गोला बारूद को दबाया गया था।
अब समय-समय पर किसान अपने खेतों से मिट्टी उठाते हैं या जमीन को चौड़ा करते हैं तो नीचे तोप के गोले और तोपें निकलना एक आम बात हो गई है। अभी 2 साल पहले एक तोप निकली थी। उससे तकरीबन 10, 12 साल पहले तीन तोपे हरी नगर के जंगल से निकली थी उसके बीच में तोप का बड़ा गोला निकला था। जिसे स्थानीय लोग लालच में आकर उसे तोड़ रहे थे तब ब्लास्ट हो गया था।
इस क्षेत्र में तोप और तोप के गोले मिलना आम बात है
जिसमें कई लोगों की जान गई थी मवेशी भी मर गए थे तो यह जो एरिया है क्रांतिकारियों द्वारा जो अंग्रेजों से लोहा लेकर उनके हथियार लुटे गए थे वह इस इलाके में दबे हैं। अगर गहनता से इसकी जांच की जाए या पुरातत्व विभाग और सरकारी मशीनरी गहनता से इसका अध्ययन करे तो आज भी कई तोपें इस जमीन में दबी हुई हैं। शेरपुर जहां पुलिस चौकी उसके पास में एक तोप टापू के रूप में थे उस पर लोग बैठा करते थे वह अब धीरे-धीरे ज़मीन में चली गई है।
इस मामले में एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय की माने तो आज थाना पुरकाजी क्षेत्र में एक गोधना गांव में किसी खेत से पुरानी एक धातु नुमा वस्तु मिली थी जिसमें लोगों का कहना था कि यह कोई पुरानी चीज है इसमें बीडीएस टीम द्वारा भी इसकी जांच कराई गई ऐसा कुछ नहीं निकला विशेषज्ञ एजेंसी को भी जानकारी दी गई है आगे की कार्रवाई विशेषज्ञ एजेंसी करेगी।