सावधान ! होली का रंग ना कर दे फीका, मिलावटी खोया सरसों तेल से बाजार गुलजार
रंग-गुलाल के साथ व्यंजनों का पर्व होली मिलावट से बदरंग हो सकता है। खोये की सफेदी और सरसों के तेल का पीलापन देखकर खरीदारी करने में चूक आपकी सेहत पर खासा असर डाल सकता है इसलिए बाजार में खोया सरसों का तेल खरीदते समय असली-नकली की पहचान होना बहुत ही जरूरी है।
हरदोई: रंग-गुलाल के साथ व्यंजनों का पर्व होली मिलावट से बदरंग हो सकता है। खोये की सफेदी और सरसों के तेल का पीलापन देखकर खरीदारी करने में चूक आपकी सेहत पर खासा असर डाल सकता है इसलिए बाजार में खोया सरसों का तेल खरीदते समय असली-नकली की पहचान होना बहुत ही जरूरी है। त्यौहार में मिलावटखोर खाद्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली से सक्रिय है।
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ऐसे में हरदोई में भी मिलावटी व सिंथेटिक खोये सरसों के तेल का व्यापार होली नजदीक आते जोर पकड़ रहा है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि होली का त्यौहार आते ही खोया और सरसों के तेल में मिलावटखोरी हावी हो जाते हैं। दुकानदार अधिक कमाई के लालच में मिलावटी खाद्य पदार्थो को बेचते है। सिंथेटिक दूध व मिलावटी खोये व सरसों रिफाइन्ड तेल की बनी मिठाइयां किडनी से लेकर लीवर तक खराब कर सकता है। खोया मंडी में आसपास के गांवों के अलावा बाहर से भी मिलावटी माल उतारा जा रहा है।
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मिलावटी खोये और तेल के प्रयोग से क्या हो सकते है नुकसान
मिलावटी खोये की बनी गुझिया व मिठाइयां जहां सांस नली में दिक्कत खड़ी कर सकती है। वहीं पेट के अन्य जरूरी अंगों को भी बेहद नुकसान पहुंचा सकती है। खोये के मिलावट में आम तौर पर मैदा, आरारोट, रिफाइंड, आलू, सस्ता मिल्क पाउडर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। सिंथेटिक दूध से भी खोये को तैयार कर बेचा जा रहा हैं। इतना ही नहीं खोये का रंग बदलने के लिए केमिकल्स का भी इस्तेमाल होता है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। खरीदारी में असली खोये की पहले पहचान करें ताकि मिलावट का असर स्वास्थ्य पर न पड़ सके।