गंगा को प्रदूषित करना पड़ा महंगा, CBI कोर्ट ने कंपनी और उसके मालिक को सुनाई सजा

Update:2016-11-05 19:20 IST

लखनऊ: सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गंगा नदी में टेनरी की गंदगी बहाने और निस्तारित करने तथा बगैर अनुमति के कंपनी का संचालन करने मामले में कानपुर के मेसर्स मेराज लेदर्स और उसके मालिक मेराज खान को जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया।

जज विनीता सिंह ने कंपनी पर एक लाख का जुर्माना ठोंका। जबकि इसके मालिक मेराज खान को दो साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही उस पर चार हजार का जुर्माना भी ठोंका।

हाईकोर्ट के आदेश पर बंद हुई थी 39 टेनरियां

अभियोजन के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अवैध रूप से संचालित 39 टेनरियों और ग्लू इंडस्ट्रीज को बंद करने का आदेश कानुपर के डीएम को दिया था। जिसके तहत 27 जून, 2006 को अभियुक्त की उक्त कंपनी सील की गई।

बंद के आदेश के बाद भी कंपनी चालू रही

लेकिन आकस्मिक निरीक्षण में पाया गया कि कंपनी उत्पादनरत है। 24 दिसंबर, 2007 को पुनः कंपनी को सील बंद किया गया। बावजूद इसके कंपनी ने उत्पादन जारी रखा। यह भी आरोप है कि जानबूझकर बगैर बोर्ड की अनुमति के ऐसे उद्योग की स्थापना व उसका संचालन किया जा रहा था।

मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में अभियुक्तों पर आरोप तय

सीबीआई के स्पेशल जज बीके पांडेय ने पूर्व सीएम मायावती की मूर्ति तोड़ने के मामले में शनिवार को सात अभियुक्तों पर आरेाप तय कर दिए। ये अभियुक्त आलोक कुमार श्रीवास्तव, अर्पित आलोक श्रीवास्तव, विशाल मिश्रा, कासिम अली उर्फ कासिम चौधरी, राजेंद्र सिंह चौधरी, पवन शर्मा और शगुन त्यागी हैं। कोर्ट ने मुकदमे के विचारण के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने इस मामले के एक अन्य अभियुक्त अमित अग्रवाल उर्फ अमित जानी की पत्रावली अलग कर रखी है।

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