IAS अनुराग तिवारी केस में CBI ने दाखिल की क्लोजर रिपेार्ट, मौत को बताया दुर्घटना

सीबीआई ने आईएएस अनुराग तिवारी की लखनऊ में हुई संदेहास्पद मौत की जांच के बाद बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया है। कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी बैंगलोर में फूड सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर में कमिश्नर के पद पर तैनात थे।

Update:2019-02-20 21:48 IST

लखनऊ: सीबीआई ने आईएएस अनुराग तिवारी की लखनऊ में हुई संदेहास्पद मौत की जांच के बाद बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुब्रत पाठक की अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दिया है। कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी बैंगलोर में फूड सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर में कमिश्नर के पद पर तैनात थे। वह यूपी में बहराइच के रहने वाले थे। उनकी मौत के इस मामले में उनके भाई मयंक तिवारी ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लिहाजा कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई के लिए मयंक तिवारी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अब मामले की सुनवाई सात मार्च को होगी।

यह भी पढ़ें.....लखनऊ में सरस महोत्सव: महिलाओं के लिए गांवों में भी बनेगें केन्द्र – महेन्द्र सिंह

इस मामले के विवेचक इंस्पेक्टर पूरन कुमार ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया। सीबीआई ने एम्स का मेडिकल रिपोर्ट व अन्य तथ्यों का हवाला देते हुए आईएएस अनुराग की मौत को अचानक सड़क पर गिरने से होना करार दिया है। उनकी मौत की जांच में हत्या अथवा आत्महत्या का कोई साक्ष्य नहीं पाया है। उनके भाई द्वारा एफआईआर में लगाए गए आरोपों का कोई भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मौखिक, दस्तावेजी व तकनीकि साक्ष्य मौजूद नहीं है। उस दौरान मृतक का कोई असामान्य व्यवहार भी सामने नहीं आया है।

गेस्ट हाउस के स्टाफ ने भी अनुराग की कोई आसामान्य गतिविधि नहीं बताई है। अनुराग के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के सभी पहलूओं की जांच की गई है। उन्हें निराधार पाया गया। घटना के पांच दिन बाद एफआईआर दर्ज कराने का भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। 23 पन्ने की क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने अनुराग को एक ईमानदार अधिकारी बताते हुए यह भी कहा है कि पिछले 10 साल में उनका सात से आठ दफा ट्रांसफर हुआ था।

ये था पूरा मामला

दरअसल 17 मई, 2017 की सुबह राजधानी के पाॅश इलाके मीराबाई मार्ग पर सड़क किनारे आईएएस अनुराग तिवारी की लाश मिली थी। वो दो दिन से स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-19 में ठहरे थे। 25 मई, 2017 को मयंक तिवारी ने अपने आईएएस भाई अनुराग तिवारी की मौत के मामले में थाना हजरतगंज में अज्ञात में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मयंक तिवारी ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा था कि उनके भाई के पास कर्नाटका के एक बड़े घोटाले की फाइल थी। उन पर इस फाइल पर दस्तखत का दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन वो ऐसा करना नहीं चाहते थे। दो माह पहले अनुराग ने यह भी बताया था कि उनकी जान को खतरा है।

Tags:    

Similar News