आचार संहिता के चलते राजधानी में सादगी से मनाया गया कांशीराम की जयंती

उन्होंने कहा कि ऐसे युग पुरुष का भी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में रही पार्टियों ने वैसी ही उपेक्षा व तिरस्कार किया जैसा कि डा. अम्बेडकर का उनके जीवन में व देहान्त के बाद भी किया गया।

Update: 2019-03-15 14:39 GMT

लखनऊ: देश में आचार संहिता लागू होने के कारण आज बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम की जयन्ती को बेहद सादगी से मनाया। पार्टी प्रमुख मायावती पहले ही कार्यकर्ताओं को सादगी से जन्म दिन मनाने को निर्देश दे चुकी थी।

ये भी पढ़ें— इन मांगों को लेकर PM से मिलने पहुंचा साधू, मिली निराशा तो कहा…

इस बार केवल लखनऊ कांशीराम स्मारक पर जाकर वहाँ उनकी भव्य प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया, जबकि मायावती ने प्रदेश कार्यालय जाकर वहाँ उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। प्रदेश में ज्यादातर लोगों ने पार्टी कार्यालय व अपने-अपने घरों में ही उनके चित्र पर माल्यार्पण करके बहुजन नायक को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया तथा उनकी सोच व सपने का समतामूलक भारत बनाने का संकल्प लिया।

मायावती ने इस अवसर पर कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के निर्वाण के बाद कई दशक तक गुमनाम व बिखरे पड़े उनके कारवाँ को बामसेफ, डीएस-4 व बी.एस.पी. मूवमेन्ट के माध्यम से जिन्दा करके उसको देश की राजनीति में सम्मान दिलाने वाले मान्यवर कांशीराम जी को आज मैं उनके जन्मदिन पर शत् शत् नमन व अपने श्रद्वा सुमन अर्पित करती हूँ।

ये भी पढ़ें— रामपुर के उर्दू गेट के ध्वस्तीकरण पर जवाब तलब, 25 को होगी सुनवाई

उन्होंने कहा कि ऐसे युग पुरुष का भी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में रही पार्टियों ने वैसी ही उपेक्षा व तिरस्कार किया जैसा कि डा. अम्बेडकर का उनके जीवन में व देहान्त के बाद भी किया गया। हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है, बड़़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा-अर्थात् वे अलमोल रत्न थे। है।

Tags:    

Similar News