GST on Electricity: क्या बिजली भी आएगी GST के दायरे में?, जानें यूपी सरकार का फैसला
GST on Electricity: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा kकि केंद्र सरकार के इस कदम के विरोध को लेकर ऊर्जा क्षेत्र के उपभोक्ता प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएंगे। क्योंकि उपभोक्ताओं से पहले से ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी वसूली जा रही है।
GST on Electricity: पेट्रोल डीजल की तर्ज पर केंद्र सरकार बिजली को भी वस्तु एंव सेवा कर (GST) के दायरे में लाने पर जोरदार कोशिश में लगी हुई है। अब ऐसे में सलाव उठता है कि अगर बिजली जीएसटी के दायरे में आएगी तो सस्ती होगी या फिर महंगी? लेकिन जीएसटी से बिजली महंगी होने की संभावना चलते आने से पहले इसका विरोध हो गया है। दरअसल, बिजली को जीएसटी के दायरे में लाने के संदर्भ में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह यूपी के आधिकारियों के साथ इस प्रस्ताव पर चर्जा की। इस चर्चा के दौरान बैठक में शामिल यूपी के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति जताई।
यूपी सहित कई राज्य जता चुके विरोध
केंद्र सरकार का बिजली को जीएसटी दायरे में लाने वाला प्रस्ताव तैयार है। इस प्रस्ताव का अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ बैठकों का दौर कर रही है और यह राज्य सरकारों से राय ले रही है। इसी संदर्भ में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सिंह बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये यूपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे,जिसमें आधिकारियों ने अपनी आपत्ति जताई। इससे पहले कई राज्य जीएसटी दायरे में बिजली आने से विद्युत उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार के चलते विरोध दर्ज करा चुके हैं।
PM मोदी से हस्ताक्षेप की मांग, उपभोक्ता दे रहे
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी
उधर, जीएसटी से बिजली महंगे की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से हस्तक्षेप की मांग की। दरअसल, बिजली उपभोक्ता पहले से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तौर पर 5 से 7.5 फीसदी का चर्जा दे रहे हैं। ऐसे अगर बिजली जीएसटी दायरे में आ जाती है तो और अधिक महंगी हो जाएगी, जिस वजह अधिकतर राज्य केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।
विद्युत उपभोक्ता परिषद विरोध के लिए बुलाएगी बैठक
मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का यूपी सरकार ने असहमति जताई है। साथ ही, केंद्र बिजली मंत्री को घरेलू उपभोक्तओं और किसानों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि, बिजली उपभोक्ताओं से पहले से ही 5-7.5 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी ली जा रही है, जोकि सालाना 3032 करोड़ रुपये होती है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह कदम एक गैर कानूनी कदम होगा और इससे लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ेगा। वर्मा ने कहा कि जल्दी ही केंद्र सरकार के इस कदम के विरोध को लेकर ऊर्जा क्षेत्र के उपभोक्ता प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएंगे।
बिजली जीएसटी पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव का बयान
वहीं, केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने कहा कि घरेलू और किसानों पर बिजली जीएसटी लगाए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बिजली जीएसटी दायरे में आएगी तो कामर्शियल और इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं को लाभ होगा। लागू होने के बाद वे इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा ले सकेंगे।