75 सीनियर अधिवक्ताओं की अधिसूचना को चुनौती, महानिबंधक से जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फुलकोर्ट द्वारा 75 अधिवक्ताओं को सीनियर अधिवक्ता नामित करने के फैसले की प्रक्रिया की वैधानिकता की चुनौती याचिका पर महानिबंधक हाईकोर्ट से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फुलकोर्ट द्वारा 75 अधिवक्ताओं को सीनियर अधिवक्ता नामित करने के फैसले की प्रक्रिया की वैधानिकता की चुनौती याचिका पर महानिबंधक हाईकोर्ट से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई छह हफ्ते बाद जुलाई 19 में होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने अधिवक्ता विष्णु बिहारी तिवारी की याचिका पर दिया है।
यह भी पढ़ें.....हाईकोर्ट का फैसला: भूमि के बैनामा को निरस्त करने का डिप्टी रजिस्ट्रार को अधिकार नहीं
याची का कहना है कि स्थायी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा जय सिंह केस के फैसले के तहत निर्धारित गाइडलाइन का पालन नहीं किया। 17 अधिवक्ताओं को फुलकोर्ट में मतदान के लिए रखे जाने के अयोग्य करार दे दिया गया। योग्यता निर्धारण के लिए किस प्रक्रिया से कितने अंक दिये गये हैं, यह स्पष्ट नहीं किया गया है। सब कुछ मनमाने तौर पर किया गया है।
यह भी पढ़ें.....Lok sabha 2019: तस्वीरों में देखिए स्मृति का मॉडल से मंत्री तक का सफर
कोर्ट ने फिलहाल 75 वरिष्ठ अधिवक्ताओं की अधिसूचना पर अंतरिम रोक न लगाते हुए महानिबंधक से याचिका पर जवाब मांगा है। याची का कहना है कि अधिवक्ताओं को साक्षात्कार व व्यक्तित्व परख करने का अंक नहीं दिया गया। अधिवक्ताओं का संपूर्ण मूल्यांकन नहीं किया गया। कोर्ट ने याचिका संशोधित करने की अर्जी स्वीकार कर ली है और कहा है कि 75 सीनियर बने अधिवक्ताओं को पक्षकार बनाया जाए। याचिका में महानिबंधक के सीनियर अधिवक्ताओं की अधिसूचना जारी करने की अधिकारिता पर भी सवाल उठाये गये हैं।