Chandauli News: भाजपा नेता को झटका, ध्वस्त होगा दो मंजिला मकान, ये है वजह

भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य गोपाल उर्फ बबलू सिंह के खिलाफ अवैध कब्जा कर मकान व ऑफिस बनाया गया है।

Reporter :  Ashvini Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-06-02 14:29 GMT

Illegal possession: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अवैध कब्ज़ा का जायजा लेते हुए 

Illegal possession: चन्दौली जनपद के सकलडीहा तहसील के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा के न्याय प्रक्रिया में कोई भेद भाव नही होता है। चाहे वह सत्ताधारी नेता हो या बड़े से बड़ा जगलर। न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता उनका मुख्य उद्देश्य है । जिसका एक जीता जागता नमूना देखने को मिला। सकलडीहा तहसील क्षेत्र के पपौरा गांव के निवासी व भारतीय जनता पार्टी के चहनियां ब्लाक के जिला पंचायत सदस्य गोपाल उर्फ बबलू सिंह के खिलाफ तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान व ऑफिस बनाया गया है। अवैध अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर बुधवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने राजस्व टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण किया । राजस्व टीम द्वारा ग्राम पपौरा स्थित आराजी नं 536 रकबा 0.202 हेक्टेयर जो कि सार्वजनिक तालाब के रूप में दर्ज है। जिसकी 8 लेखपालों की टीम द्वारा पैमाइश की कार्रवाई की गई।

पैमाइश में पाया गया कि गोपाल सिंह (बबलू) एवं उनके परिवार द्वारा वृहद स्तर पर सार्वजनिक तालाब की भूमि पर दो मंजिला मकान, ऑफिस, मैदान इत्यादि बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया है, जो की पूरी तरह असंवैधानिक एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का खुला उल्लंघन है। प्रथम दृष्टया बना भव्य मकान (सफेद रंग, दो मंजिला) का लगभग 80% हिस्सा अवैध निर्माण की श्रेणी में प्रतीत होता है।

नियमानुसार कार्रवाई करते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी सकलडीहा के न्यायालय में वाद योजित कर अवैध मकान के ध्वस्तीकरण एवं अन्य अवैध कब्जे को हटाए जाने संबंधी प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से प्रारंभ कर दी गई है।

इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि पपौरा ग्राम के गोपाल सिंह बबलू के खिलाफ तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत पहले से ही लंबित थी। लॉकडाउन की वजह से इस पर कार्यवाही नहीं किया गया। बुधवार को स्थल निरीक्षण किया गया तो लगभग, लगभग पूरा मकान तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करके बनाया गया है। न्याय प्रक्रिया के तरह 136 की कार्यवाही प्रारंभ कर शीघ्र ही अतिक्रमणकारी को नोटिस उपलब्ध कराते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।

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