Chandauli News: दिल्ली यूनिवर्सिटी का वाइस प्रेसीडेंट रितिक केशरी, जानिये इसके बारे में सबकुछ

Chandauli News: दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस बार के छात्र संघ चुनावों में जातिगत समीकरणों का प्रभाव शुरुआत से ही दिखा। लेकिन रितिक ने "सर्व समाज" का नारा देकर सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ा। उन्होंने जाति और पार्टी की सीमाओं को तोड़ते हुए छात्रों का भरोसा जीता।

Report :  Ashvini Mishra
Update:2024-11-25 21:34 IST

वाइस प्रेसीडेंट रितिक केशरी ( Photo- Newstrack )

Chandauli News: चंदौली जनपद का कभी नक्सली कहने वाले क्षेत्र नौगढ़ के छोटे गांव बाघी का बेटा दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनावों ने इस बार इतिहास रच दिया। चंदौली जिले के छोटे से गांव बाघी के रितिक केशरी ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर न केवल अपने जनपद बल्कि पूरे विश्वविद्यालय को चौंका दिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए रितिक ने नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के दिग्गज उम्मीदवार केशव यादव को मात दी है।

चंदौली जिले की पंचायत बाघी में एक साधारण परिवार में जन्मे रितिक केशरी का सफर प्रेरणादायक है। उनके पिता संतोष केशरी बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक हैं, जबकि उनकी मां, शकुंतला देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य और गृहणी हैं। सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले रितिक ने अपने सपनों को पंख देने के लिए मेहनत और जुझारूपन को अपना हथियार बनाया।

दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस बार के छात्र संघ चुनावों में जातिगत समीकरणों का प्रभाव शुरुआत से ही दिखा। लेकिन रितिक ने "सर्व समाज" का नारा देकर सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ा। उन्होंने जाति और पार्टी की सीमाओं को तोड़ते हुए छात्रों का भरोसा जीता। उनका यह अभियान सोशल मीडिया पर भी खासा लोकप्रिय रहा, जिसने चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई।

रितिक केशरी केवल एक उम्मीदवार नहीं, बल्कि छात्रों के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुके हैं। उनका मददगार स्वभाव, हर किसी की समस्या सुनने की आदत और समाधान निकालने की कोशिश ने उन्हें खासा लोकप्रिय बना दिया। प्रचार के दौरान उनके साथ छात्रों का हुजूम इस बात का गवाह था कि वे सिर्फ एक उम्मीदवार नहीं, बल्कि छात्रों की आवाज बन चुके हैं।रितिक केशरी ने चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया का बेहतरीन उपयोग किया। उनकी रणनीति, प्रभावशाली संवाद शैली और आत्मविश्वास ने छात्रों को आकर्षित किया। इसके साथ ही, वे अपनी पर्सनैलिटी डवलपमेंट पर भी लगातार काम करते रहे, जिसने उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में उभारा।

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