Chandauli News: चंदौली के एसडीएम के साथ बदसुलूकी का वीडियो हो रहा वायरल, जानिए क्या है मामला
Chandauli News: एक निजी विद्यालय में मीटिंग के दौरान चंदौली में तैनात एसडीएम जो कि इस समय कलेक्ट्रेट में तैनात हैं। वह अपने बच्चों के स्कूल गए थे उसी दौरान गाड़ी खड़ा करने की बात को लेकर कहासुनी हो गई।;
Chandauli News: चंदौली जिले में एसडीएम के पद पर तैनात विराग पांडे का एक सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग उनके साथ मारपीट कर रहे हैं । विराग पांडेय अपने परिवार के साथ बच्चों के विद्यालय में अभिभावक मीटिंग में गए थे। तब का यह वीडियो बताया जा रहा है ।
एसडीएम के साथ मारपीट
बता दें कि आगरा स्थित एक निजी विद्यालय में मीटिंग के दौरान चंदौली में तैनात एसडीएम जो कि इस समय कलेक्ट्रेट में तैनात हैं। वह अपने बच्चों के स्कूल गए थे उसी दौरान गाड़ी खड़ा करने की बात को लेकर कहासुनी हो गई। जिसमें बात बढ़ते बढ़ते यहां तक की आ गई जिसमें वाद विवाद के दौरान एसडीएम विराग पांडेय का पैर फंसने के कारण जमीन पर गिर गए थे लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं तेजी से ही रही है।
वहीं इस संबंध में विराग पांडेय की पत्नी प्रज्ञा पांडेय ने बताया कि मैं अपने बच्चों के साथ अभिभावक मीटिंग में परिवार के साथ गई थी ।एसडीएम लिखी गाड़ी होने के कारण बदतमीजी करते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाने की बात कही। ड्राइवर ने जब गाड़ी आगे किया तो महिला ने अपनी कार आगे खड़ी कर ड्राइवर से बदतमीजी करने लगी। जिस पर मना करने पर वह उलझ गई और मौके पर पुलिस के सामने भी अभिभावकों द्वारा जमकर बवाल किया गया ।
अधिकारियों की सुरक्षा की मांग
वहीं कुछ लोगों का कहना था कि एसडीएम का यह धौंस जमा रहे हैं । लोगों द्वारा ध्यान आकृष्ट करने के लिए ऐसी मनगढ़ंत बातें की जा रही है । वही प्रज्ञा मिश्रा ने आगरा जिला अधिकारी के साथ-साथ चंदौली के जिला अधिकारी से मांग भी की है की अधिकारियों की सुरक्षा किया जाए नहीं तो ऐसे लोगों के साथ घटनाएं घटती रहेगी।
वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार से भी ऐसे कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। अब सवाल यह उठता है कि यदि महिला कार से आई थी तो स्कूल प्रशासन उस महिला के गाड़ी का नंबर क्यों नहीं दे रहा है ।क्यों महिला को बचाया जा रहा है जो कि अधिकारी को बदनाम करने के साथ-साथ कानून से खिलवाड़ कर रही है ।
जिले के अधिकारी के साथ इस तरह की कार्यवाही को लेकर अधिकारी भी लामबंद है। अधिकारियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ क्षम्य नहीं है।