Child Vaccination Trail : कानपुर में सबसे कम उम्र की बच्ची को लगाई गई वैक्सीन, जानें क्या बोले डॉक्टर

कोरोना महामारी से बच्चों को बचाने के लिए देशभर में चल रहा है। इसी कड़ी में कानपुर में सबसे कम उम्र की बच्ची पर को-वैक्सीन का ट्रायल हुआ है। जिसकी उम्र ढाई साल से भी कम बताई जा रही है। इससे पहले 2 साल 8 माह के बच्चे पर ट्रायल हुआ था । कानपुर में 10 बच्चों को वैक्सीन लगाने के साथ ही ट्रायल का पहला चरण पूरा हो गया है।

Newstrack :  Priya Panwar
Report :  Avanish Kumar
Update:2021-07-01 11:21 IST

सांकेतिक तस्वीर- क्रेडिट सोशल मीडिया

कानपुर. कोरोना महामारी से बच्चों को बचाने के लिए देशभर में चल रहा है। इसी कड़ी में कानपुर में  सबसे कम उम्र की बच्ची पर को-वैक्सीन का ट्रायल हुआ है।  जिसकी उम्र ढाई साल से भी कम बताई जा रही है। इससे पहले 2 साल 8 माह के बच्चे पर ट्रायल हुआ था । कानपुर में 10 बच्चों को वैक्सीन लगाने के साथ ही ट्रायल का पहला चरण पूरा हो गया है।

बच्चों के वैक्सीनेसन को लेकर चल रहा है ट्रायल को लेकर देश भर में 6 सेंटर बनाए गए थे। जिसमें कानपुर को भी सेंटर बनाया गया था और ट्रायल के लिए प्रखर हॉस्पिटल को चुना गया था। इन अस्पतालों में तीन श्रेणियों दो से 6 साल, 7 से 12 साल और 13 से18 साल के बच्चों में ट्रायल हो रहा है। ट्रायल के बाद चीफ इन्वेस्टिगेटर डॉ. वीएन त्रिपाठी ने बताया कि इससे पहले भी सबसे छोटे बच्चे पर ट्रायल कानपुर में हुआ था। उन्होंने बताया कि छह साल तक के 10 बच्चों में कोवैक्सीन के ट्रायल के तौर पर टीके लगाए गए हैं। जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई, उनमें लखनऊ के एक वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ के बच्चे, उनके भाई के बच्चे, लखनऊ के ही एक रेडियोलॉजिस्ट का बच्चा,एक राजनीतिक पार्टी के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि का बच्चा, कानपुर देहात के व्यवसायी आदि के बच्चे शामिल हैं।

ट्रायल के पहले हुई जांच

बच्चों पर वैक्सीनेशन के ट्रायल के लिए चुने गए बच्चों को वैक्सीन लगाने से पहले मंगलवार को इन सभी बच्चों की ब्लड जांच, शारीरिक परीक्षण और आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। रिपोर्ट में उपयुक्त पाए जाने पर इन्हें टीके लगाए गए। इन्हें 28 दिन बाद दूसरी रोज लगाई जाएगी।

जागी उम्मीद

कानपुर के डॉक्टरों की माने तो जल्द ही बच्चों को लेकर वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा क्योंकि अभी तक के ट्रायल में काफी सफल रहा है और अगर दोनों डोज लगने के बाद स्थिति सामान्य रहती है तो ट्रायल सफल माना जाएगा और जल्द ही सरकार की तरफ से निर्देश मिलने के बाद बच्चों पर भी वैक्सीनेशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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