Chitrakoot Gangrape Case: दोषी गायत्री प्रसाद प्रजापति की सजा पर सुनवाई आज, 20 साल की जेल या मिलेगी उम्रकैद?

चित्रकूट की महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में दोषी ठहराए गए पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आज MP-MLA कोर्ट सजा सुनाएगी। 10 नवंबर को कोर्ट ने गायत्री के अलावा दो अन्य आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी दोषी ठहराया था।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-11-12 04:58 GMT

चित्रकूट की महिला से गैंगरेप में दोषी गायत्री प्रसाद प्रजापति की सजा पर सुनवाई आज। (Social Media) 

Chitrakoot Gangrape Case: चित्रकूट की महिला से गैंगरेप (Chitrakoot Women Gangrape) और उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में दोषी ठहराए गए पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) को आज MP-MLA कोर्ट सजा सुनाएगी। 10 नवंबर को कोर्ट ने गायत्री के अलावा दो अन्य आशीष शुक्ला (Ashish Shukla) और अशोक तिवारी (Ashok Tiwari) को भी दोषी ठहराया था। तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय (Judge Pawan Kumar Rai) के सामने पेश किया जाएगा। गायत्री प्रसाद (Gayatri Prasad) सपा सरकार (SP Government) में कैबिनेट मंत्री थे।

क्या है मामला

ये मामला लखनऊ में घटित हुआ था। पुलिस ने लखनऊ में काफी प्रयासों के बाद मामला दर्ज किया। हालांकि गायत्री और उनके गुर्गों ने महिला और उसकी बेटी पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया। लेकिन सफल नहीं हुए। महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम (Ganga Aarti Program) में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) से एक काम के सिलसिले में मिली थी। उसे उसके एक करीबी ने गायत्री (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) से मिलवाया था। इसके बाद गायत्री प्रजापति के लखनऊ आवास पर आने-जाने लगी। उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। मंत्री के डर के कारण वह चुप रही। मगर जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी। 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था।

गैंगरेप केस में गायत्री प्रजापति (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) और अन्य दोषियों को कोर्ट उम्रकैद तक की सजा सुना सकती है। वहीं, नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था। पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है। गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है।

पीड़िता के खिलाफ भी जांच के आदेश

कोर्ट ने 10 नवंबर को गायत्री प्रजापति (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) के अलावा दो अन्य आशीष शुक्ला (Ashish Shukla) और अशोक तिवारी (Ashok Tiwari) को दोषी ठहराया था। तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के सामने पेश किया जाएगा। इस बीच कोर्ट ने पीड़िता को भी कटघरे में रखा था। पीड़िता द्वारा बार-बार बयान बदलने के कारण कोर्ट ने उसके और उनके पक्ष के गवाह राम सिंह राजपूत और अंशु गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा है कि किस वजह से, किसके प्रभाव में बार-बार बयान बदले गए? इसकी जांच लखनऊ के पुलिस आयुक्त कराएंगे।

प्रयास के बावजूद भी जेल से बाहर नहीं आ सके गायत्री

गायत्री प्रसाद प्रजापति (Former Mining Minister Gayatri Prasad Prajapati) ने अप्रैल 2017 में तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश ओपी मिश्रा के समक्ष जमानत आवेदन किया था जहां पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को जमानत दे दी थी। इस पर राज्य सरकार ने जमानत निरस्त करने केलिए उच्च न्यायालय (High court) की लखनऊ पीठ के समक्ष आवेदन किया गया। उच्च न्यायालय ने प्रथम सुनवाई के समय तीनो आरोपों के पक्ष में पारित जमानत आदेश को स्थगित कर दिया था। वहीं, दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय से मामले को शीघ्र निस्तारित किए जाने का आदेश हुआ। इसके बाद 18 जुलाई 2017 को सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किए गए।

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