सियासत ने दोहराया इतिहास, वीर सिंह के बाद अशोक जाटव बने निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष

वर्ष 2005 में दस्यु सम्राट ददुआ पुत्र वीर सिंह ने सपा के झंडे में निर्विरोध ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाई थी।

Report :  Zioul Haq
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-26 10:51 GMT

अशोक जाटव बने निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Chitrakoot News: चित्रकूट की सियासत ने फिर दोहराया इतिहास। वर्ष 2005 में दस्यु सम्राट ददुआ पुत्र वीर सिंह ने सपा के झंडे में निर्विरोध ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाई थी और आज भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी अशोक जाटव भी निर्विरोध ज़िला पंचायत अध्यक्ष बन गए हैं। चित्रकूट जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अन्य किसी दावेदार में नामांकन नहीं किया जिससे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक जाटव निर्विरोध अध्यक्ष बन गए हैं।

जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी दूसरी बार किसी ने निर्विरोध जीती है। पहली बार दस्यु ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल निर्विरोध अध्यक्ष बने थे तो इस बार अशोक जाटव ने वह इतिहास दोहराया है। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव धनबल और सत्ता की हनक का माना जाता है। यदि जिले के इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो अभी तक बद्री विशाल त्रिपाठी, उजेरिया देवी, वीर सिंह पटेल, रमेश पटेल और शिवशंकर सिंह यादव पांच जिला पंचायत अध्यक्ष हुए हैं।

इन पांचों अध्यक्षों में वीर सिंह को छोड़ दिया जाए तो सभी को चुनाव का सामना करना पड़ा था। वीर सिंह पटेल ने वर्ष 2005 में निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाई थी। उस समय उनके पिता दस्यु शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ की यूपी व एमपी के जंगल में तूती बोलती थी। कोई फरमान के खिलाफ नहीं जाता था। इसी हनक के बल पर वीर सिंह पटेल निर्विरोध अध्यक्ष बने थे। वैसे इस समय उस प्रकार के हालात नहीं थे लेकिन फिर भी कोई प्रत्याशी सामने नहीं आया। फिलहाल भाजपा के लिए यह निर्विरोध जीत से भाजपाइयों में जश्न का माहौल है।

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