Chitrakoot: केन्द्रीय सचिव ने लिया सड़क के निर्माण कार्य का जायजा, कहा- नई तकनीकि से बनाए जा रहे Road

Chitrakoot: केन्द्रीय अपर सचिव ग्रामीण विकास एनएन सिन्हा ने पहाड़ी कस्बे से अरछा बरेठी होते हुए कमासिन मार्ग को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण कार्य का जायजा लिया। सिन्हा ने कहा कि यह सड़क केन्द्र सरकार की ओर से जनपद में पहली बार नई तकनीकि से बनाई जा रही है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-04-03 17:57 GMT

केन्द्रीय सचिव सिन्हा ने किया सड़क के निर्माण कार्य का जायजा। 

Chitrakoot: केन्द्रीय अपर सचिव ग्रामीण विकास एनएन सिन्हा (Union Additional Secretary Rural Development NN Sinha) ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. आशीष गोयल (Additional Chief Secretary Dr. Ashish Goyal), प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह (Principal Secretary Manoj Kumar Singh) व मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपी एलटी भानुचंद्र गोस्वामी के साथ रविवार को पहाड़ी कस्बे से अरछा बरेठी होते हुए कमासिन मार्ग को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण कार्य का जायजा लिया।

उन्होंने नई तकनीकि एफडीआर के तहत बन रही सड़क की गुणवत्ता के संबंध में जानकारी ली। कहा कि यूपी की ग्रामीण सड़कों में यह अभिनव प्रयोग किया गया है। इसमें निर्धारित मानक के अनुसार मैटेरियल डालकर निर्माण सामग्री तैयार कर डाली जाती है। इसमें पानी बहुत ही कम जाने की गुंजाइश होती है। जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नई तकनीकि एफडीआर के तहत टी-6 अरछा बरेठी मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।


जनपद में पहली बार नई तकनीकि से बनाई जा रही सड़क

केन्द्रीय सचिव एनएन सिन्हा ((Union Additional Secretary Rural Development NN Sinha) ने कहा कि यह सड़क केन्द्र सरकार की ओर से जनपद में पहली बार नई तकनीकि से बनाई जा रही है। केन्द्र सरकार (Central Government) ने पीएमजीएसवाई के फेज-3 के तहत उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (Uttar Pradesh Rural Road Development Agency) ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) को 19 हजार किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य दिया गया था, जिसे वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जाना है। इस लक्ष्य के सापेक्ष ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) को वर्ष 2021-22 में ही 18770 किमी की स्वीकृति केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय दी गई है। कहा कि स्वीकृति के उपरांत तीन हजार किमी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा इतना ही कार्य कार्य प्रगति पर है, जो कि अगले दो माह में पूर्ण हो जाएगा।

केन्द्रीय सचिव ने निरीक्षण के दौरान प्लांट देखा और सड़क की थिकनिस देखी। कहा कि नई तकनीकि से बनाई जा रही यह सड़क यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में पहला व अभिनव प्रयोग है। सड़कें ज्यादातर पानी जाने की वजह से खराब होती है। इस तकनीकि से बनने वाली सड़क में पानी कम जाने की गुंजाइश होती है। इसके साथ कार्य तेजी से होता है। इस दौरान सीडीओ अमित आसेरी, मुख्य अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा वीरपाल राजपूत, अधीक्षण अभियंता हरेंद्र सिंह, एसडीएम राजापुर प्रमोद झा, डीडीओ आरके त्रिपाठी, पीडी ऋषि मुनि उपाध्याय, डीसी मनरेगा धर्मवीर सिंह, अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी अरविंद कुमार आदि मौजूद रहे।

छह हजार करोड़ से बनेंगे 697 मार्ग

केन्द्रीय सचिव ने बताया कि यूपी में नई तकनीकि के माध्यम से छह हजार करोड़ की लागत से 697 मार्ग बनेंगे। जिनकी लंबाई 5500 किमी निर्धारित है। यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार नई तकनीकि एफडीआर पर आधारित 5600 किमी. का निर्माण कराया जा रहा है। इस तकनीकि से किफायती सड़कों का निर्माण होगा। यह सड़के मजबूत होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल रहेंगी। इस तकनीकि के निर्माण में नए पत्थर की गिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता है। सड़क पर मौजूद पुरानी गिट्टी को सीमेंट एवं एडिटिव तथा मिट्टी से बड़ी मशीनों के जरिए मिलाकर निर्माण किया जाता है।

अन्य प्रदेशों में भी नई तकनीकि से बनेंगी सड़कें

केन्द्रीय सचिव बोले कि यूपी में नई तकनीकि से सड़के बनाए जाने की स्थिति को देखते हुए अन्य प्रदेशों में भी इसे लागू किया जा रहा है। प्रदेश में नई तकनीकि से मार्ग निर्माण की स्वीकृति के पूर्व इसका अनुभव प्राप्त करने के लिए अभिकरण कार्यालय के साथ ही साथ पीडब्लूडी तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के दल को विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश भेजकर अध्ययन कराया गया। इसके बाद नई तकनीकि से स्वीकृत मार्गों में से नौ मार्ग पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में निर्माण कराने का निर्णय लिया गया।


पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल है अरछा बरेठी मार्ग

पायलेट प्रोजेक्ट में निर्माणाधीन पहाड़ी-अरछा बरेठी-कमासिन मार्ग शामिल है। इसके अलावा प्रयागराज दो, हमीरपुर दो, झांसी एक, आगरा, हाथरस एवं मैनपुरी जनपदों के एक-एक मार्ग शामिल है। इन मार्गो पर निर्माण कार्य प्रारंभ है। जिनकी गुणवत्ता एवं प्रगति ठीक है। केन्द्रीय सचिव ने बताया कि इस तकनीकि से निर्माण में बहुत कम समय लगता है। यहां तक कि दो दिन में एक किमी सड़क का निर्माण किया जा सकता है।

17.9 करोड़ की लागत से बन रही सड़क

केन्द्रीय सचिव के मुताबिक चित्रकूट में इस अरछा बरेठी निर्माणाधीन मार्ग का पूर्व में पारंपरिक तकनीकि से निर्माण किया जाना था। लेकिन नई तकनीकि से निर्माण कराने पर 50 हजार घन मीटर गिट्टी की बचत होगी, जो स्वयं में एक उपलब्धि है तथा पर्यावरण प्रदूषण एवं कार्बन फुड प्रिंट को कम करने में भी सहायक है। बताया कि प्रदेश में एफडीआर तकनीकि से पहली रोड 17 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है। जिसकी लंबाई 17.900 किमी. है। यह सड़क दो मुख्य मार्गो को जोड़ने के साथ ही 22 मजरों एवं आठ ग्राम पंचायतों को जोड़ रही है। इससे 30 हजार की आबादी लाभान्वित होगी।

देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News