Chitrakoot News: दुराचार मामले में अपर मुख्य अधिकारी को 10 साल की कैद, कोर्ट ने सुनाया फैसला

Chitrakoot News: कुशीनगर के अपर मुख्य अधिकारी को जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 26 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।

Update: 2023-08-03 13:40 GMT
(Pic: Social Media)

Chitrakoot News: चित्रकूट में तैनाती के दौरान लगभग चार साल पहले दुराचार के आरोप में फंसे कुशीनगर के अपर मुख्य अधिकारी को जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 26 हजार रूपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम सुन्दर मिश्रा ने बताया कि बीती 4 सितम्बर 2019 को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पीडिता की तहरीर पर कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गयी थी।

पुलिस को दी गई तहरीर में पीडिता ने बताया था कि वह गरीब होने के कारण जिला पंचायत के तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी सुरेन्द्र कुमार वर्मा के यहां एक साल से घरेलू कार्य करने जाती थी। जहां वह खाना बनाने और झाडू पोछा का कार्य करती थी। कुछ दिन तक काम करने के बाद अपर मुख्य अधिकारी सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि उसके तीन बच्चे हैं और पत्नी का निधन हो गया है। ऐसे में बच्चों और गृहस्थी को चलाने के लिए उसे दूसरी शादी करना है। इसके बाद सजातीय होने का हवाला देते हुए शादी का झांसा देकर उससे नजदीकीयां बढाकर शारीरिक उत्पीडन करने लगा।

पीड़िता के अनुसार अप्रैल 2018 में आरोपी यौन शोषण के कारण वह गर्भवती हो गयी। इसकी जानकारी होने पर आरोपी ने शादी का आश्वासन देते हुए गर्भपात करा दिया। कई महीनों तक आरोपी शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ बलात्कार करता रहा। इसके बाद पीडिता मई 2019 में फिर से गर्भवती होने पर आरोपी अपर मुख्य अधिकारी नाराज हो गया और शादी की बात कहने पर गाली गलौच करते हुए गर्भपात कराने को कहा। गर्भपात से मना करने पर पीड़िता को आरोपी ने अपहरण कराने और जान से मारने की धमकी दी।

न्याय चला निर्धन की ओर अभियान के तहत यह मामला सामने आने पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देश दिए जाने पर कर्वी कोतवाली में अभियोग पंजीकृत किया गया था। साथ ही पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराए जाने के बाद आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद गुरूवार को जिला जज विष्णु कुमार शर्मा ने इस मामले में सजा सुनाई। जिसमें दोष सिद्ध होने पर अपर मुख्य अधिकारी सुरेन्द्र कुमार वर्मा को 10 वर्ष कठोर कारावास और 26 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

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