Chitrakoot News: दलीय प्रत्याशियों को शिकस्त देने के इरादे फेल, खुशी में मना रहे गम

Chitrakoot News:नगर पालिका कर्वी में बसपा व कांग्रेस को निर्दलीय प्रत्याशी ने पीछे छोड़ा, खासकर भाजपा से बगावत कर मैदान में कूदने वालों ने बिगाड़े समीकरण।

Update: 2023-05-14 19:54 GMT
UP Nikay Chunav 2023 Result

Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट की चारो निकायों में इस बार दिग्गजों के कृपापात्र बनकर चुनावी मैदान में कूदने वाले बागी निर्दलीय प्रत्याशी राजनीतिक दलों पर भारी पड़े है। भाजपा ने तीन निकायों में जीत जरूर हासिल की है, लेकिन पार्टी को प्रमुख विरोधी राजनीतिक दलों के बजाय बागी निर्दलीयों से जूझना पड़ा है, जिन्होंने टिकट न मिलने से बगावत कर चुनाव मैदान में कूदे और पार्टी प्रत्याशी की राह में हर जगह कांटा की तरह चुभते नजर आए।

सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने नगर निकाय चुनाव को सेमीफाइनल मानते हुए तैयारियां की थी। क्योंकि अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव होने है। फलस्वरूप भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस समेत लगभग सभी दलों के दिग्गजों के लिए निकाय चुनाव इम्तहान की तरह माना जा रहा था। क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों से टिकट की मंशा से तैयारी करने वाले दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी। लेकिन निकाय चुनाव में इन दिग्गजों ने एक-दूसरे को शिकस्त देने के लिए पांसे फेंकने से नहीं चूके। दलों से बगावत कर निर्दलीय तौर पर चुनावी जंग में कूदने वाले प्रत्याशी जिस तरह से भारी पड़े है, उससे स्पष्ट है कि दलीय दिग्गजों के कहीं न कहीं वह कृपापात्र रहे है। दिग्गजों के फेंके जाने वाले पांसे से ही वह दलीय प्रत्याशी की जीत में मुसीबत बनते नजर आए। खास बात यह है कि बागियो के लिए पांसे फेंकने वाले दिग्गज दलीय प्रत्याशियों को शिकस्त नहीं दे पाए। अब इन दिग्गजों के चेहरों पर जीत की खुशी गम की तरह नजर आ रही है। नगर पालिका कर्वी में भाजपा के निवर्तमान चेयरमैन नरेन्द्र गुप्ता 17355 मत पाकर दोबारा जीते है। उन्होंने सपा के जागेश्वर यादव को हराया है। देखा जाए तो यहां से निरंजन कुशवाहा कांग्रेस 1347, कुशल पटेल बसपा को 4074 मत मिले है। इन दोनों ही दलों से कहीं अधिक भाजपा की बागी प्रत्याशी रही निशी सोनी ने निर्दलीय मैदान में उतरकर 6054 वोट पाए है। वहीं दूसरी ओर पिछले निकाय चुनाव में जीत हासिल करने वाली सपा को शिकस्त मिली है। देखा जाए तो सपा में भी दिग्गजों की टीम कहीं सक्रिय नजर नहीं आई।

मानिकपुर में निर्दलीय से आखिरी तक लड़ते रहे दलीय प्रत्याशी

नगर पंचायत मानिकपुर में भाजपा से बगावत कर चुनाव मैदान में कूदी निर्दलीय प्रत्याशी रानी देवी ने जीत हासिल कर दल के फैसले को गलत साबित कर दिया है। रानी देवी ने भाजपा से टिकट के लिए आवेदन किया था। देखा जाए तो निर्दलीय रानी देवी से ही भाजपा, सपा, बसपा समेत कई निर्दलीय प्रत्याशी आखिरी चक्र तक लड़ते रहे। यहां विजेता रानी देवी को 3239 मत मिले। जबकि भाजपा की बिट्टी देवी 1558 मत पाकर दूसरे स्थान पर रही। तीसरा स्थान बसपा की मनीषा देवी 1128 मत के साथ पाया। देखा जाए तो भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने वाली ऊषा भारती 1097 मत पाकर चौथे स्थान में रही। इनसे कम वोट सपा की मंझली को मिले। मानिकपुर में भी बागियों को दलीय दिग्गजों का साथ मिला और वह समीकरण बिगाड़ने में कामयाब हो गए।

मऊ में भी रही दिग्गजों के बीच सियासी जंग

नगर पंचायत मऊ में अध्यक्ष पद पर भाजपा के अमित द्विवेदी 2964 वोट पाकर जीते है। यहां पर आखिरी क्षण तक भाजपा के बागी संदीप त्रिपाठी से ही जूझना पड़ा। संदीप निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़े और 1566 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जबकि सचिन रस्तोगी सपा 1322 मत, कृपाशंकर 1283 व बसपा के जमुना प्रसाद को 1025 मत मिले। खास बात यह है कि यहां पर सर्वाधिक 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे है। राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव जरुर लड़ रहे थे, लेकिन इनको दिग्गजों के पांसे पर चुनाव लड़ रहे बागी निर्दलीयों से जूझना पड़ा है।

राजापुर में सपा, बसपा और कांग्रेस प्रत्याशी निर्दलीय से रहे पीछे

गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर में प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस आदि को निर्दलीय प्रत्याशी से ही जूझना पड़ा है। यहां पर भाजपा के संजीव मिश्र 4471 वोट पाकर जीते है। उनकी लड़ाई भाजपा से टिकट न मिलने पर बगावत कर मैदान में निर्दलीय कूदी निवर्तमान चेयरमैन आदर्श मनोज द्विवेदी से रही है। इनको 3136 वोट मिले है। इसके अलावा प्रिंस केशरवानी सपा 1570, उर्मिला कांग्रेस 313 एवं बसपा की उमा देवी ने 2021 वोट पाए है। कई अन्य निर्दलीयों ने भी राजनीतिक दलों के समीकरण बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोडी है। बताते हैं कि दलीय प्रत्याशी को शिकस्त देकर बागी निर्दलीयों को जिताने के लिए दिग्गजों ने खूब पांसे फेंके है। कुछ दिग्गजों को पार्टी हाईकमान स्तर से जब फटकार मिली तो सफाई भी देनी पड़ी।

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