किधर बढ़ रहे हैं अखिलेश, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट का उद्घाटन कुछ ऐसा ही कह गया

Update:2016-10-09 13:33 IST

अनुराग शुक्ला

लखनऊः उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार और यदुकुल में झगड़े पर भले ही सियासी कंबल पड़ गया हो पर कुछ भी ठीक नहीं दिख रहा है। रविवार की सुबह जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट का उद्घाटन तो कम से कम यही इशारा कर गया। बिना किसी शोर शराबे और आफीशियल इनवाइट के जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट का उद्घाटन कर दिया गया। इस उद्घाटन में जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा समाजवादी पार्टी की मुख्यधारा के गिने चुने चेहरे थे वहीं इस कार्यक्रम में सपा के बर्खास्त सारे नेता मौजूद थे।

ये नेता अखिलेश समर्थक यूथ के हैं जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पिछले दिनों बर्खास्त किया था। इस ट्रस्ट को संचालित करने वाले 14 सदस्यो में सपा से बर्खास्त सुनील साजन और आनंद भदौरिया को जगह दी गयी है। इस कार्यक्रम में ना मंच कोई भाषण हुआ न ही मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कुछ बोला। वहीं कार्यक्रम से प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव समेत सभी बडे सपा नेताओं की गैरमौजूदगी सवालों को हवा दे रही थी।

क्या है जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट?

जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के अध्यक्ष अखिलेश यादव तो पार्टी ने नए निजाम में साइडलाइन किए जा चुके पूर्व प्रवक्ता और सपा सरकार में मंत्री राजेंद्र चौधरी उपाध्यक्ष होगें। इस ट्रस्ट को टीम अखिलेश ट्रस्ट के शक्ल दी गई है। इसमें सुनील साजन, नईमुल हसन, आनंद भदौरिया, धमेंद्र यादव जैसे नेता हैं। इस ट्रस्ट के उद्घाटन में भी राजेंद्र चौधरी के अलावा रामगोविंद चौधरी भी मौजूद रहे। वहीं जनेश्वर जी के नाम पर ताउम्र राजनीति कर रहे नारद राय की गैरमौजूदगी कई खुलासे कर रही थी।

अखिलेश का वाररुम होगा जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट

इस ट्रस्ट को टीम अखिलेश का नया ठिकाना माना जा रहा है। इस ट्रस्ट को चुनाव में अखिलेश यादव और उनकी टीम चुनाव के वाररुम की तरह इस्तेमाल करेंगे। इस ट्रस्ट के जरिए अखिलेश यादव की ब्रांडिंग की जाएगी और एक हेल्पलाइन भी बनाई जा रही है, जिससे कार्यकर्ता सीधे अखिलेश से जुड सकें। इस ट्रस्ट में आडियो वीडियो, मल्टीमीडिया, सोशल प्लेटफार्म, रेडियो होर्डिंग बैनर से लेकर नारे गढने तक के काम अखिलेश की ब्रांडिंग के लिए किए जाएंगे।

क्या हैं उद्घाटन के संकेत?

इस ट्रस्ट का चुपचाप उद्घाटन कर लिया गया। इसके लिए न तो सरकार की तरफ से न ही पार्टी की तरफ से कोई औपचारिक निमंत्रण भेजा गया। इसके साथ ही उद्घाटन में सारे बर्खास्त नेता मौजूद रहे। इस आफिस में समाजवादी थिंक टैंक के तौर पर जाने जाने वाले एस आर एस यादव का दफ्तर है और वह मौजूद भी रहे। वही पार्टी का हिस्सा होने के बाद भी इस ट्रस्ट के उद्घाटन में न तो प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पहुंचे न ही राजेंद्र चौधरी और रामगोविंद चौधरी के अलावा कोई कैबिनेट मंत्री। इस उद्घाटन में मुख्यमंत्री ने न ही कुछ बोला न ही किसी तरह का किसी ने भी भाषण दिया। बस मुख्यमंत्री आए सबसे मिले और उद्घाटन हुआ।

क्या नई दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं अखिलेश?

अखिलेश यादव का इस अंदाज में उद्घाटन कई सवाल बिखेर रहा है। सियासत में इशारों की मजबूती कई बार देखी जा चुकी है। ऐसे में ये संकेत किस तरह इशारा कर रहे हैं इसे लेकर राहें एक रह पाने की अटकाले अभी से जोर पकड़ने लगी हैं।

 

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