यूपी: सीएम योगी का सख्त आदेश, टैक्स चोरों को छोड़ो नहीं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए सभी प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि कर चोरी रोकने के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाए। उत्तर प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा उपभोक्ता मौजूद हैं। ऐसे में जीएसटी का सर्वाधिक संकलन यहां पर होना चाहिए।

Update: 2019-08-16 16:19 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए सभी प्रभावी कदम उठाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि कर चोरी रोकने के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाए। उत्तर प्रदेश में देश के सबसे ज्यादा उपभोक्ता मौजूद हैं। ऐसे में जीएसटी का सर्वाधिक संकलन यहां पर होना चाहिए। जीएसटी में टैक्स कलेक्शन बढ़ने से राजस्व संग्रह में बढ़ोत्तरी होगीए जिसका लाभ राज्य को मिलेगा।

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उन्होंने बताया कि जीएसटी एवं वैट, आबकारी स्टाम्प एवं निबन्धन, परिवहन, ऊर्जा और भू-राजस्व मदों के वित्तीय वर्ष 2019-20 में जुलाई, 2019 तक 41202.86 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है।

करेत्तर राजस्व के तहत भूतत्व एवं खनिकर्म सिंचाई वानिकी तथा वन्य प्राणी, पुलिस, लोक निर्माण(सड़क व सेतु),लो क निर्माण (आवास), लोक निर्माण कार्य विभाग, आवास (नजूल भूमि की बिक्री), श्रम तथा रोजगार, फसल कृषि कर्म तथा अन्य प्राप्तियों के तहत जुलाई, 2019 तक 1982.02 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हो चुकी है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस राजस्व से ही विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करती है। उन्होंने आबकारी विभाग को कर संग्रह में तेजी लाने को कहा। इसके तहत टैªक एण्ड टेªस व्यवस्था को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग को कर संग्रहण के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाए। इसके प्रयोग से इस कार्य में तेजी भी आएगी और कर चोरी भी रुकेगी। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि वह अपने बस अड्डों का विकास हवाई अड्डों की तरह करे और इनका वाणिज्यिक उपयोग करते हुए इनसे अपनी आय बढ़ाए।

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सीएम ने कहा कि प्रत्येक अनुबन्धित बस को एक अच्छा रूट और एक सामान्य रूट आवंटित किया जाए। इससे परिवहन विभाग की राजस्व प्राप्तियां बढ़ेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के लिए राजस्व वसूली के लक्ष्य तय किए जाएं। यदि किसी फीडर का लाइन लॉस वर्ष 2017 की तुलना में बढ़ा है तो सम्बन्धित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तथा स्मार्ट मीटर लगाने के कार्य में तेजी लायी जाए।

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