CM हेल्पलाइन सेवा की लड़की ने खाया जहर, बोली-संचालक ने कमरे में बुलाया और फिर...
लखनऊ: राज्य सरकार की पहल पर सिटी के पॉश इलाके में चल रही मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा के कर्मचारी अब खुद मदद की राह खोज रहे हैं। सिर्फ एक कॉल पर आम जनता की समस्याओं को दूर करने का दावा करने वाले इन कर्मचारियों की अब कोई सुध तक नहीं ले रहा है। जी हां। हम बात कर रहे हैं सिटी के विभूतिखंड इलाके में साइबर टॉवर नामक कांप्लेक्स में संचालित हो रही सीएम हेल्पलाइन 1076 की बदहाली की, जिसके कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से सैलरी ही नसीब नहीं हुई है।
इसके चलते इस बिल्डिंग पर सैंकड़ों कर्मचारी प्रदर्शनरत हैं। इतना ही नहीं शुक्रवार को इस हेल्पालाइन में काम करने वाली एक लड़की ने जहर खा लिया। उसने एनजीओ संचालकों पर टार्चर का आरोप लगाया है। जहर खाने वाली युवती के अलावा सैलरी के लिए प्रदर्शनरत अन्य कुछ कार्यरत लडकियां भी हालत बिगड़ने पर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुई हैं।
इस पूरे मामले की जानकारी होते ही अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
कमरे में बंद करके टार्चर करने का लगाया आरोप-
सीएम हेल्पालइन 1076 में काम करने वाली एक लड़की ने बताया कि, एनजीओ संचालकों ने वेतन देने के लिए बातचीत करने के बहाने से पहले लड़कियों को एक कमरे में बुलाया। इसके बाद उन्हें वहां बुलाकर कमरे में बंदकर टॉर्चर किया जाने लगा जिसके बाद एक एक लड़की ने जहर खा लिया तो वहीं बाकियों की हालत बदहाल होने लगी जिसके बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पहले भी युवक ने की थी जान देने की कोशिश-
सीएम हेल्पलाइन 1076 का आफिस साइबर टावर में छठें तल पर संचालित होता है। यहां सैकडों कर्मचारी इस लाइन पर आने वाली काल को अटेंड करके लोगों की समस्याओं को दूर करने का दावा करते हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से इन कर्मचारियों का वेतन नहीं आया है।
ऐसे में कई कर्मचारी सारा कामकाज ठप करके प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि युवती से पहले एक युवक भी सैलरी न मिलने से आहत होकर दो दिन पहले ही सुसाइड करने जा रहा था, सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर उसे नीचे उतारा और वेतन के लिए वार्ता का आश्वासन दिया।
यहां कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि सैलरी न मिलने के चलते अब उनके पास सुसाइड के अलावा और कोई चारा नहीं है। विभूति खंड एसओ सत्येंद्र राय शिकायत करने पर अभद्रता करते हैं और पक्षपात करते हैं। इतना ही नहीं पुलिस प्रदर्शन न करने की चेतावनी भी देती है।
एनजीओ ने दिया आश्वासन-
इस बिल्डिंग में एक एनजीओ सीएम हेल्पलाइन के काम को संचालित करती है। इसी एनजीओ ने अच्छे वेतन का लालच देकर करीब 300 से अधिक बेरोजगारों को नौकरी पर रखा था। लेकिन वेतन न मिलने से कर्मचारी आंदोलनरत हो गए।
करीब 15 दिन पहले भी जब कर्मचारियों ने हंगामा किया था तो अधिकारियों ने 6 मार्च को वेतन देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए दोबारा से कर्मचारी हंगामे पर उतर आए। इसके बाद एनजीओ के अधिकारियों ने प्रदर्शनरत कर्मचारियों को जल्द वेतन मुहैया कराने का आश्वासन दिया।