UP News: जल परिवहन विस्तार के लिए गठित होगा अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण: मुख्यमंत्री
UP News: अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा।
UP News: प्रदेश में बहने वाली सदानीरा नदियों को जलमार्ग के रूप में स्तेमाल करने की अपार संभावनाएं है। अंतर्देशीय जल परिवहन में यात्रियों और कार्गो दोनों के लिये एक साधन के रूप में अपार संभावनाएं हैं। जलपरिवहन सबसे बड़ा फायदा इसकी लागत कम होने के साथ-साथ प्रदूषण भी कम होता है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में जलमार्गों के विकास पर गहन चर्चा किया। उन्होंने अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पर्तमान समय में प्रयागराज से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है।
प्राचीन काल से चली आ रही प्रथा
उत्तर प्रदेश में कई सदानीरा नदियां जिसमें हर समय पर्याप्त जल उपलब्ध रहता है। यहां पर जल परिवहन की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। प्रचीन काल में अयोध्या की राजकुमारी जलमार्ग से ही दक्षिण कोरिया गई थी। लेकिन बदलते समय के साथ इस सेक्टर की उपेक्षा की गई। लेकिन एक बार फिर से सरकार ने इस कसेक्टर को पुनर्जीवित करने की ठान ली है। इसके लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है। इस संबंध में सरकार नें राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण और अन्य राज्यों में प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन कर आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के कार्य
अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा। प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन संबंधित सभी गतिविधियों का कार्यान्वयन किया जाएगा। इसके साथ ही जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण एवं सुरक्षा कानूनों का अनुपालन, जलमार्गों के विकास एवं बेहतर उपयोग के लिए हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण एवं जांच की जिम्मेदारी का भी कार्य करेगा।
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प्राधिकरण अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण, अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन एवं शिपिंग तथा नेविगेशन संबंधित गतिविधियों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाएगा। इसके लिए संबंधित स्टॉकहोल्डर्स को तकनीकी प्रशिक्षम प्रदान किया जाएगा।
इन विषयों पर हुई चर्चा
परिवहन मंत्री को पदेन अध्यक्ष के रूप में नामित करने, उपाध्यक्ष के रूप में जल परिवहन क्षेत्र में सुदीर्घ अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ को नामित करने, प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को प्राधिकरण के सीईओ की भूमिका देने के अलावा, वित्त, संस्कृति, सिंचाई तथा वन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बतौर सदस्य सम्मिलित किये जाने संबंधित चर्चा हुई।