योगी का गोरखपुरः 20 साल किया संघर्ष, मौका मिलते ही सब बदल दिया

रामगढ़झील की खूबसूरती को देख लोग इसे गोरखपुर का मरीन ड्राइव पुकारने लगे हैं। लहरों पर वाटर स्पोर्ट्स का रोमांच दिखने लगा है। दो बड़े होटल वजूद में आ गए हैं।

Update: 2021-03-19 04:56 GMT
योगी कार्यकाल में गोरखपुर: जहां 20 वर्षों तक संषर्घ किया, मौका मिला तो सब कुछ बदल दिया (PC: social media)

गोरखपुर: प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में गोरखपुर बहुत तेजी से बदला। रफ्तार बढ़ाने को लेकर जहां फोरलेन का संजाल बिछा, वहीं शहर की अंदरूनी सड़कों पर भी 500 करोड़ से अधिक खर्च हुए। नौजवानों को रोजगार और किसानों को सहूलियत के लिए पिपराइच में चीनी मिल चालू हुई तो वहीं मेट्रो की डीपीआर को भी मंजूरी मिल चुकी है।

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रामगढ़झील की खूबसूरती को देख लोग इसे गोरखपुर का मरीन ड्राइव पुकारने लगे हैं। लहरों पर वाटर स्पोर्ट्स का रोमांच दिखने लगा है। दो बड़े होटल वजूद में आ गए हैं। दो फाइव स्टार होटल की तारामंडल क्षेत्र में आधारशिला रखी जा चुकी है। प्रदेश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर वन्यजीवों से आबाद हो चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले लिंक एक्सप्रेस-वे का काम भी तेजी से चल रहा है। लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा विकसित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। मेगा टेक्सटाइल पार्क का प्रस्ताव प्रदेश सरकार केंद्र को भेज चुकी है तो फ्लैटेड फैक्ट्री की योजनाओं पर भी मुहर लग चुकी है।

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प्लास्टिक पार्क को लेकर जमीन चिन्हित कर ली गई है

प्लास्टिक पार्क को लेकर जमीन चिन्हित कर ली गई है तो वेटनरी इंस्टीट्यूट और आयुष विश्वविद्यालय का भी काम जल्द शुरू होने वाला है। कालेसर से जंगल कौड़िया तक फोरलेन बाईपास बन चुका है। अब जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक फोरलेन बनते ही शहर के रिंग रोड का सपना पूरा हो जाएगा। शहर के विस्तार के साथ ही लाजिस्टिक पार्क की बुनियाद भी रखी जाने लगी है। बदलते गोरखपुर की कहानी एम्स और खाद कारखाने का जिक्र किए बगैर अधूरी लगती है। वैसे तो यह दोनों प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के हैं, लेकिन बीते चार सालों में योगी की निरंतर निगरानी की वजह से ही कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा हो सका है।

बंद चीनी मिल से निकला धुंआ

बस्ती के मुण्डेरवा और गोरखपुर के पिपराइच की बंद चीनी मिलों से धुंआ निकला। इस मिल से करीब 20 हजार किसान लाभान्वित हुए। इस मिल में सल्फर लेस चीनी उत्पादन के लिए प्लांट रिकार्ड आठ माह की अवधि में स्थापित कर दिया गया। यहां से सल्फर लेस चीनी विदेशों को निर्यात करने की तैयारी है। इतना ही नहीं इस मिल में एथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत 120 केएलपीडी क्षमता की आसवनी भी स्थापित करने की तैयारी है।

औद्योगिक विकास को रफ्तार

करीब 91 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा होने के बाद जैतपुर से बेलघाट तक मिट्टी भराई का काम तेजी से चल रहा है। 5900 करोड़ लागत से तैयार हो रहे एक्सप्रेस-वे पर 6 फीसदी काम पूरा हो गया है। जैतपुर से लेकर कम्हरियाघाट तक करीब 35 किमी लंबाई में दर्जन भर से अधिक स्थानों पर अंडरपास, पुल से लेकर मिट्टी भराई का काम तेजी से चल रहा है। सिकरीगंज के पास पटखौली, हरैडाह, उसरैन आदि स्थानों पर अंडरपास स्वरूप लेने लगा है। वहीं खजनी, हरनही, महादेवा, उसरैन, हर्रेडांड़, सिकरीगंज, बेलघाट में मिट्टी भराई के साथ ही सड़क आकार लेने लगी है।

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फोरलेन से मिली रफ्तार

कालेसर से जंगल कौड़िया तक फोरलेन बाईपास के बनने से शहर का विस्तार हुआ है। महेसरा और बरगदवा में रहने वाले लाखों लोगों के लिए सहजनवा की तरफ जाने का नया रास्ता मिला है। वहीं बाईपास पर व्यापारिक गतिविधियां दिखने लगी हैं। आवासीय प्लाट की बिक्री भी तेज हुई है।

मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया फोरलेन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर की दुकाने तोड़वाकर विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी थी। जाम के लिए बदनाम रास्ते पर अब गाड़ियां फर्राटा भर रही हैं। 312 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन का 70 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है। इसी तरह असुरन से महराजगंज तक फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। असुरन से मेडिकल कॉलेज होते हुए गुलरिहा तक फोरलेन का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। इसपर करीब 410 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

वेटनरी मेडिकल कालेज

250 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कालेज का निर्माण किया जाना है। जमीन की तलाश चल रही है। लोक निर्माण विभाग ने 250 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार कर चुका है। गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास की तैयारी चल रही है। शासन ने कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही 50 करोड़ का प्रारंभिक बजट भी जारी कर दिया है।

गुलजार हुआ चिड़ियाघर

तकरीबन 260 करोड़ रुपये की लागत से 121.342 एकड़ में निर्मित देश का सबसे सुंदर चिड़ियाघर बन कर तैयार है। मार्च में ही लोकार्पण के लिए तैयार हो रहे इस प्राणी उद्यान में गुजरात के बब्बर शेर समेत 117 वन्यजीव लाए जा चुके हैं।

आयुष विश्वविद्यालय के स्थापना संबंधी गतिविधियां संचालित करने के लिए कुलपति का अस्थाई कार्यालय और आवास भी अवांटित कर दिया गया है। कुलपति, कुल सचिव समेत कुछ पद भी सृजित कर नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, योगा, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा की पढ़ाई के साथ ही इन पद्धतियों से विभिन्न रोगों का इलाज भी संभव हो सकेगा। आयुष विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ ही इलाज भी होगा। यूपी में लखनऊ, वाराणसी, झांसी, प्रयागराज,बरेली, बांदा, मुजफ्फरपुर, पीलीभीत में आयुष मेडिकल कॉलेज हैं। इन सबकी संबद्धता गोरखपुर आयुष विश्वविद्यालय से रहेगी।

खाद कारखाने में जुलाई से उत्पादन

हिन्दुस्तान उवर्रक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जा रहा गोरखपुर का नया खाद कारखाना आगामी 30 जून तक क्रियाशील हो जाएगा। कारखाने में रोजाना 3850 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा। एचयूआरएल द्वारा करीब 7085 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे प्लांट में कई खूबियां हैं। प्लांट में पानी की जरूरत को लेकर 32 करोड़ रुपये की लागत से कोरियन तकनीक पर रबर डैम बनाया गया है। जापानी कंपनी द्वारा तैयार प्रीलिंग टॉवर की ऊंचाई कुतुबमीनार से दोगुनी से भी ज्यादा यानी 149.5 मीटर है।

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बीमार पूर्वांचल को मिला एम्स

नये एम्स की बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। ओेपीडी शुरू होने से गोरखपुर ही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती राज्य बिहार और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल तक के लोगों को यहां इलाज मिल रहा है।

मौजूदा समय में औसतन करीब 1500 मरीजों की रोजाना ओपीडी है। इसके बाद डे-केयर सर्जरी की शुरुआत हुई। साल के अंत तक माना जा रहा है कि बड़ी सर्जरी भी शुरू हो जाएगी। इतना ही नहीं 50 की जगह 100 सीटों पर इसी सत्र से एमबीबीएस छात्रों का एडमिशन भी हो गया।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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