Gorakhnath Temple: गुरु पूर्णिमा उत्सव में शामिल हुए सीएम योगी, बोले-जो अच्छा सोच नहीं सकते, वो अच्छा कर भी नहीं सकते
गोरक्षपीठाधीश्वर ने आदि गुरु वेदव्यास को नमन करते हुए कहा कि महर्षि वेदव्यास जी की जयंती, व्यास पूर्णिमा ही गुरु पूर्णिमा के रूप में प्रतिष्ठित है।
CM Yogi in Gorakhnath temple: गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में अवसर सबको मिलता है। उन अवसरों को सकारात्मकता के साथ अपने, समाज व देश हित के अनुकूल बनाकर आगे बढ़ने वाला ही सफल होता है। यदि किसी समस्या का समाधान करना है तो सकारात्मकता यानी अच्छी सोच होनी चाहिए। जो नकारात्मक हैं, अच्छा सोच नहीं सकते तो वे अच्छा कर भी नहीं सकते। सकारात्मक व्यक्ति समाधान का रास्ता बनाता है जबकि नकारात्मक व्यक्ति समाधान न होने के बहाने गिनाता है।
गोरक्षपीठाधीश्वर गुरु पूर्णिमा पर्व पर बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को गुरु की तरह जीवन का व्यावहारिक आशीर्ज्ञान देते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमारे सनातन संस्कृति में पर्व-त्योहारों की विशिष्ट परंपरा किसी न किसी विशिष्ट व युगांतकारी घटना से जुड़कर हमें प्रेरणा देती है। श्रीरामनवमी, वासंतिक नवरात्रि, शिवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, विजयादशमी, दीपावली, मकर संक्रांति, श्रीकृष्णजन्माष्टमी, सावन में पावन ज्योतिर्लिंगों का जलाभिषेक, नाग पंचमी आदि पर्वों से जुड़ी युगांतकारी घटनाओं की जीव सृष्टि के संरक्षण तथा मानव कल्याण में बड़ी और स्मरणीय भूमिका रही है। ऐसा ही प्रमुख व पावन पर्व गुरु पूर्णिमा भी है।
आदि गुरु को नमन कर बताईं गुरु की पांच श्रेणियां
गोरक्षपीठाधीश्वर ने आदि गुरु वेदव्यास को नमन करते हुए कहा कि महर्षि वेदव्यास जी की जयंती, व्यास पूर्णिमा ही गुरु पूर्णिमा के रूप में प्रतिष्ठित है। हमारे वैदिक ज्ञान को लिपिबद्ध कर कर सर्वसुलभ बनाने में युगांतकारी ऋषि वेदव्यास जी का अनिर्वचनीय योगदान है। उनके ग्रन्थ मानव सृष्टि पर बड़ी कृपा हैं। गुरु के रूप में वेदव्यास जी के प्रति श्रद्धा व सम्मान में किसी भी आयोजन में व्यास की गद्दी सर्वोच्च गद्दी मानी जाती है। गीता में भी श्रद्धा की दृष्टि का उल्लेख किया गया है। कहा भी जाता है, जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि। इसलिए हमारी दृष्टि सकारात्मक होनी चाहिए। उन्होंने हर व्यक्ति के जीवन में पांच श्रेणी के गुरुओं का उल्लेख किया। ये गुरु हैं माता-पिता, भाई-बहन, बड़े-बुजुर्ग, शिक्षा गुरु व दीक्षा गुरु। ये सभी किसी न किसी रूप में हमारा मार्गदर्शन कर हमें जीवन पथ पर आगे बढ़ाते हैं।
भारत की होगी आने वाली सदी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व से जुड़ रहे हैं। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हमें शताब्दी वर्ष अर्थात अगले 25 वर्ष के लिए लक्ष्य बनाने और उसके अनुरूप कार्ययोजना बनानी होगी। हमारा लक्ष्य आजादी के शताब्दी वर्ष तक भारत को वैभवशाली और समृद्धतम देश बनाने का होना चाहिए। जैसे हम अभिभावक के रूप में अपने बच्चे के लिए लक्ष्य को लेकर सजग रहते हैं, वही भावना देश के प्रति भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयास से आने वाली सदी भारत की होगी। भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। विगत आठ वर्षों में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ताकत का दुनिया लोहा मान रही है। देश अपने लक्ष्यों के प्रति एकदम सही ट्रैक पर है। जरूरत इस बात की है कि हर व्यक्ति अपने अपने क्षेत्र में दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है। उसके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि उसकी भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसान, नौजवान, शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, कलाकार, अधिवक्ता, व्यापारी सभी अपने क्षेत्र में अटूट निष्ठा व ईमानदारी से कार्य कर देश की लक्ष्य प्राप्ति में योगदान दे सकते हैं।
महापुरुषों की जयंती पर भी हों विशिष्ट आयोजन
सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ही देश को आजादी दिलाने वाले महापुरुषों की जयंती पर भी विशिष्ट आयोजन होने चाहिए। उन्होंने काकोरी, चौरीचौरा क्रांति, डोहरिया के आंदोलन आदि के सविस्तार उल्लेख के साथ ही स्वतंत्रता प्राप्ति में रानी लक्ष्मीबाई, बंधु सिंह, मंगल पांडेय, धन सिंह गुर्जर, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां आदि बलिदानियों के योगदान की चर्चा भी की। कहा कि हमें आजादी का महत्व समझना चाहिए क्योंकि पराधीन भारत में इतने बड़े पैमाने पर आयोजन करते तो ब्रिटिश सरकार अन्याय व अत्याचार पर उतारू हो जाते। आजादी के इन दीवानों के सपनों को साकार करने को यादगार कार्यक्रम करने चाहिए।
हर घर पर आन, बान, शान से लहराएगा तिरंगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 11 से 17 अगस्त तक हर घर पर आन, बान, सम्मान का प्रतीक तिरंगा लहराएगा। इस दौरान सप्ताह भर सेनानियों की याद में अनेक आयोजन भी होंगे। हम सभी को राष्ट्र निष्ठा के साथ इन आयोजनों से जुड़कर अमृत महोत्सव को सार्थक बनाना होगा। तिरंगा, संविधान, राष्ट्र गीत और राष्ट्र गान सिर्फ प्रतीक नहीं हैं बल्कि सम्पूर्ण प्रेरणा हैं और इनका सम्मान हम सबका दायित्व है।
आत्मनिर्भर भारत बनाने को दें परंपरागत उद्यम को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आजादी की लड़ाई में स्वदेशी आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा देकर हम आत्मनिर्भर भारत की पीएम मोदी की संकल्पना को साकार करने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों के परंपरागत उद्यमों को रोजगार के व्यापक फलक पर ले जाने को राज्य सरकार ने ओडीओपी की शुरुआत की है। गोरखपुर की ओडीओपी में शामिल टेराकोटा आज एक गांव से निकलकर वैश्विक पहचान बना रहा है। तकनीकी से जुड़कर स्वदेशी स्वावलंबन का बड़ा आधार बन रही है।
संतों, आचार्यों का सीएम ने किया सम्मान
गुरु पूर्णिमा उत्सव में अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज व गुरु राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज के चित्र पर पुष्पार्चन के बाद सीएम योगी ने संतों व आचार्यों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन के महंत मिथिलेश नाथ, चचाई राम मठ के महंत पंचानन पुरी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो यूपी सिंह शामिल हैं। इनके अलावा डॉ रामानुज त्रिपाठी, डॉ अरविंद कुमार चतुर्वेदी, डॉ रोहित कुमार मिश्र, अभिषेक पांडेय, दिग्विजय शुक्ल, डॉ प्रांगेश कुमार मिश्र, डॉ रंगनाथ त्रिपाठी व पुरुषोत्तम चौबे को योगी कमलनाथ ने सम्मानित किया। इस अवसर पर लोक गायक राकेश श्रीवास्तव व उनके दल की तरफ से गुरु की महिमा के गीतों की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम के दौरान मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह व महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री-गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों के साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे।