Gorakhpur News: गोरखपुर में बोले सीएम योगी, गिरमिटिया मजदूर नहीं, उद्योगपति बनेंगे दक्षिणांचल के लोग
Gorakhpur News: बोले सीएम- दक्षिणांचल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक एक्सप्रेस वे से जुड़ रहा है। लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बड़े-बड़े उद्योग लगेंगे। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप में बंजर जमीन खरीद कर उद्योग लगाए जाएंगे। उद्योगों के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी।
Gorakhpur News: दशकों तक पिछड़ेपन का दंश झेलने वाले गोरखपुर के दक्षिणांचल में शानदार रोड कनेक्टिविटी, एक्सप्रेस-वे, बायो फ्यूल प्लांट, इंडस्ट्रियल टाउनशिप जैसी परियोजनाएं विकास की नई चमक बिखेर रही हैं। सकारात्मक बदलाव में कदमताल कर रहे यहां के लोगों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मुखातिब हुए। उन्हें विकास प्रक्रिया में उनकी जिम्मेदारी समझाई, इससे जुड़ने को प्रेरित करते हुए कहा कि लिंक एक्सप्रेस-वे के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप से जुड़कर दक्षिणांचल के लोग अब गिरमिटिया मजदूर नहीं बल्कि उद्योगपति बनेंगे।
धुरियापार में बायोफ्यूल प्लांट की स्थापना
अवसर था गोला तहसील के भरौली में बाबू आरएन सिंह डायलिसिस सेंटर के लोकार्पण व स्मृतिशेष आरएन सिंह की प्रतिमा के अनावरण समारोह का। मुख्यमंत्री ने भरौली के रामसखी रामनिवास शिक्षण संकुल परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि गोरखपुर का दक्षिणांचल डबल इंजन सरकार में विकास के पथ पर बुलेट ट्रेन जैसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यहां राम जानकी मार्ग का कायाकल्प हो रहा है। धुरियापार में बायोफ्यूल प्लांट की स्थापना की जा रही है। इससे यहां के लोगों को खरपतवार व गोबर का भी पैसा मिलेगा। दक्षिणांचल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक एक्सप्रेस वे से जुड़ रहा है। लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बड़े-बड़े उद्योग लगेंगे। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप में बंजर जमीन खरीद कर उद्योग लगाए जाएंगे। उद्योगों के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने अच्छे जनप्रतिनिधि दिए तो विकास भी तेजी से हो रहा है। अब यहां के नौजवानों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। बेटियों को भी यहीं शिक्षा की व्यवस्था होगी। अभिभावकों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं रहेगी और उनका जीवन और आसान होगा।
एक करोड़ युवाओं को मिलेगी नौकरी व रोजगार-
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेश प्रस्तावों के जमीन पर उतरने से एक करोड़ युवाओं को नौकरी व रोजगार की व्यवस्था होगी। गोरखपुर के लिए भी कई प्रस्ताव मिले हैं। बिना बाधा डाले निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने तथा उज्जवल भविष्य का माध्यम बनने में सबकी सहभागिता होनी चाहिए।
राष्ट्र मंदिर है अयोध्या में बन रहा राम मंदिर-
सीएम योगी ने कहा कि 500 वर्ष के संघर्ष के बाद अयोध्या में बन रहा प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर राष्ट्र मंदिर जैसा है। इसके लिए हमें प्रधानमंत्री व न्यायिक व्यवस्था के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए। कहा कि फिर कोई हमारी आन बान सम्मान के खिलाफ कोई साहस ना करने पाए इसके लिए हमें एकजुट रहना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम जानकी मार्ग को लेकर दक्षिणांचल के लोगों में गर्व की भावना होनी चाहिए। इसी मार्ग से प्रभु श्रीराम माता जानकी को लेकर पहली बार जनकपुर से अयोध्या पहुंचे थे। सरकार इस मार्ग पर कार्य करते हुए अयोध्या को सीतामढ़ी तथा जनकपुर तक कनेक्ट कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। दक्षिणांचल के लोग जब प्रभु श्रीराम के मंदिर में जाएंगे तो वह भी कह सकेंगे इस मंदिर के निर्माण में हमारे गांव, हमारे क्षेत्र का योगदान है। कारण बाबू आरएन सिंह ने मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये दान दिए थे।
आरएन सिंह के योगदान की सराहना की-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह में अपने संबोधन से पहले महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य एवं उत्तर भारतीय संघ मुंबई के पूर्व अध्यक्ष बाबू आरएन सिंह की प्रतिमा का अनावरण तथा उनकी स्मृति में बने अत्याधुनिक डायलिसिस सेंटर का लोकार्पण किया। वह आर्यन सिंह की समाधि स्थल पर भी गए और पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने जनसेवा में आरएन सिंह के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज नवरात्र की महाअष्टमी की पावन तिथि है। कल मां सिद्धिदात्री की नवमी तिथि के साथ प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का पर्व श्रीरामनवमी भी है। सफलता प्राप्त होना ही सिद्धि है। संकल्प को सिद्धि में बदलने के लिए क्या पुरुषार्थ होना चाहिए, प्रभु श्रीराम इसके आदर्श हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसा तो बहुत लोग कमा लेते हैं पर उस पैसे का उपयोग धर्म, सेवा और यश के लिए हो और पैसे की गर्मी भी न हो, ऐसा कम ही देखने को मिलता है।
भगवान श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप जन्मभूमि के प्रति अपने दायित्वों को जिस तरह बाबू आरएन सिंह ने निभाया वह अप्रतिम उदाहरण और दूसरों के लिए प्रेरणा है। जिन्हें जन्मभूमि के लिए कुछ करने का सौभाग्य मिलता है उनका जीवन धन्य हो जाता है और इस दृष्टि से बाबू आरएन सिंह सौभाग्यशाली हैं। एक छोटे से गांव में जन्म लेकर वह मुंबई गए। विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए समृद्धि व सफलता प्राप्त की। सिक्योरिटी कम्पनी के जरिये उनके द्वारा 50 हजार लोगों को रोजगार दिया जाना भी अभिनन्दनीय है। असहाय का संभल बनना बड़ी बात है। दीन दुखियों के साथ खड़े होते हुए मातृभूमि के लिए शिक्षण संस्थान खोला। सीएम योगी ने कहा कि उनके पूज्य गुरुदेव भी बाबू आरएन सिंह के इस प्रकल्प की सराहना करते थे।
30 लोगों को मिल सकती है डायलिसिस की सुविधा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में डायलिसिस सेंटर बहुत आवश्यक है। गोरखपुर और लखनऊ में डायलिसिस के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगती है। आरएन सिंह के सुपुत्र संतोष सिंह ने एक शानदार टीम के साथ अत्याधुनिक सुविधा युक्त डायलिसिस सेंटर की सौगात दी है यहां एक दिन में 30 लोगों को डायलिसिस की सुविधा मिल सकती है। टेली कंसल्टेशन से जुड़ने पर यहां के मरीजों को कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस अवसर पर सीएम ने आरएन सिंह के पुत्र व परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिता के संकल्प को पूरा कर संतोष सिंह ने उन्हें बेहतरीन तरीके से श्रद्धांजलि दी है। इसके लिए संतोष सिंह व उनका पूरा परिवार साधुवाद का पात्र है।
डायलिसिस सेंटर के लोकार्पण समारोह में चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी, बांसगांव के विधायक डॉ विमलेश पासवान, उत्तर भारतीय संघ मुंबई के अध्यक्ष संतोष सिंह, अमरजीत सिंह, गीता सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, जीएस भदौरिया, भाजपा जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, जिला प्रभारी अजय गौतम समेत बड़ी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक उपस्थित रहे।
पूरी तरह निशुल्क होगी डायलिसिस सुविधा
इस अवसर पर स्वर्गीय आरएन सिंह के पुत्र संतोष सिंह ने बताया कि इस डायलिसिस सेंटर की स्थापना पर करीब दस करोड़ रुपये का खर्च आया है। सेंटर का संचालन स्वर्गीय आरएन सिंह द्वारा स्थापित संस्था बीआईएस (बॉम्बे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी) करेगी। उन्होंने बताया कि किट समेत सभी खर्चे सेंटर की तरफ से ही वहन किए जाएंगे। यहां रोगियों को सिर्फ एक रुपये खर्च कर पंजीकरण कराना होगा। डायलिसिस सेंटर के संचालन पर प्रतिमाह दस से ग्यारह लाख रुपये खर्च का अनुमान है। इस रकम की व्यवस्था के लिए बीआईएस ने 25 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट कराए हैं। निशुल्क डायलिसिस सेंटर से गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ व वाराणसी मंडल के किडनी रोगियों को काफी राहत मिलेगी।