रेलमंत्री सुरेश प्रभु के खिलाफ कोर्ट में परिवाद, चलती ट्रेन से उतरे थे

Update: 2016-06-09 14:40 GMT

कानपुर: रेलमंत्री सुरेश प्रभु के खिलाफ कानपुर सिविल कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। उन पर रेल अधिनियम 1989 के तहत नियम तोड़ने का आरोप है। इसके तहत सजा का प्रावधान है।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु के खिलाफ परिवाद

रेल अधिनियम में अपराध

-रेल मंत्री सुरेश प्रभु सोमवार को मेरठ रेलवे स्टेशन पर बिना ट्रेन रुके जान जोखिम में डाल कर जानबूझ कर उतर गए थे।

-वह अपने स्वागत में प्लेटफॉर्म पर खड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं से बचने के लिए चलती ट्रेन से उतरे थे।

-इसे रेल अधिनियम 1989 की धारा 146 और 156 के तहत अपराध बताते हुए अधिवक्ता शरद त्रिपाठी ने परिवाद दायर किया है।

-इन धाराओं में ट्रेन की छत या सीढ़ी पर यात्रा करना या रेलकर्मी के काम में बाधा पहुंचाना शामिल है, जिसमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

रेल अधिनियम की धाराओं के तहत दाखिल हुआ परिवाद

नहीं हो रही कार्रवाई

-त्रिपाठी ने कहा कि रेल मंत्री होने के कारण रेलवे अधिकारी उनके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।

-कार्रवाई न होने का मतलब रेल मंत्री अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

-वादी ने कहा कि जब भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाला जिम्मेदार पद पर चयनित रेल मंत्री ऐसे अविधिक, अवैधानिक काम करेगा, तो आम आदमी में गैरकानूनी काम करने का साहस बढ़ेगा।

-मामले की सुनवाई 27 जून को होगी

Tags:    

Similar News