अमेठी दौरे में स्मृति ने राहुल पर साधा निशाना, कांग्रेस ने ऐसे किया बचाव, जानें किसने क्या कहा!

शुक्रवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी के अलग-अलग स्थानों से राजनीतिक बयानबाजी के बाद कांग्रेस की ओर से भी उन पर पलटवार किया है। उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश तिवारी ने सवाल पूछते हुए कहा है कि स्मृति ईरानी ने राज्यसभा की सदस्यता यूपी से क्यों नहीं ली?;

Update:2019-01-04 18:34 IST

अमेठी: शुक्रवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा अमेठी के अलग-अलग स्थानों से राजनीतिक बयानबाजी के बाद कांग्रेस की ओर उन पर पलटवार किया है। उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश तिवारी ने सवाल पूछते हुए कहा है कि स्मृति ईरानी ने राज्यसभा की सदस्यता यूपी से क्यों नहीं ली?

भाजपा चाहती यूपी से राज्यसभा जाती, आपका एमपीएलएएड फंड अमेठी के विकास में भी काम आता। फिलहाल आप गुजरात से सांसद है लेकिन नजर अमेठी पर है। युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने 10 बिन्दुओं पर केंद्रीय मंत्री से सवाल दाग कर आरोप मढ़ा है। तो आइये जानते है क्या है वो आरोप:-

1. पिछले 56 महीने से लगातार कैबिनेट मंत्री है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय समेत किसी भी मंत्रालय ने अमेठी में कितना रोजगार, स्वरोजगार, संस्थान या फैक्टरी बनाया जिससे अमेठी के युवाओं को फायदा हुआ हो?

2. पिछले 56 महीनों में अमेठी से नैट्रिप, ट्रिपल आईआईटी शिक्षा संस्थान, हिन्दुस्तान पेपर मिल, मेगा फूड पार्क जैसे हजारो करोड़ प्रोजेक्ट अन्यत्र चले गये और आप चुप क्यों है?

3. यूपीए सरकार के राजीव गांधी पेट्रोलियम संस्थान का उद्घाटन हो या तिलोई का 200 बेड का अस्पताल या फिर निर्माणाधीन सैनिक स्कूल.. पिछले सरकार की योजनाएँ है। अमेठी में रिनेम रिपैकेज रिलान्च की राजनीति क्यों?

4. अमेठी को तीर्थ बताने वाली स्मृति ईरानी जी, अमेठी के युवाओं के लिए , आप रोजगार के बेहतर साधन उपलब्ध कराने में पूर्णतया असफल रही है?आपको अमेठी ने कैबिनेट मंत्री बनवाया है और बदले में अमेठी को लोलीपाप मिला है। साड़ी/ सफारी सूट/ रजाई को रोजगार नहीं कहते।

5. अमेठी में सरकारी अस्पताल और पशु अस्पताल की स्थिति सपा-बसपा सरकार के कार्यकाल से बदतर है। लखनऊ में आपके भाजपा की 22 महीने से सरकार है लेकिन सभी अस्पताल खस्ताहाल है। जनता परेशान है।

6. अमेठी की मुख्य सड़के यानि 6 हाईवे जो कि पिछली केन्द्रीय सरकार की देन है चमचमा रही है और राज्य सरकार की सड़कें खटारा है। अमेठी मेरा तीर्थ है जैसे फिल्मी डायलाग हास्यास्पद है।

7. अमेठी की महिलाओ के लिए आपने अमेठी अचार व नीम के तेल का प्रचार पूरे विश्व में किया। गूगल कीजिए लेकिन इसका 1% महिलाओं को फायदा नहीं हुआ। सच है आपने समय समय पर साड़ी बांटी, तुलसी का पेड़ बाँटा फिर आम का पेड़ बाँटा, गाय बाँटने वाली थी हर बूथ पर... लेकिन क्या यही विकास है अमेठी का। भीख देने का काम कर रही हो। इन सब का प्रचार पूरे देश में किया गया लेकिन फायदा केवल स्मृति दीदी जिन्दाबाद का नारा लगाने वालो को मिला।

8. आज अमेठी में लगभग 1852 चुनावी बूथ है। हर बूथ पर 6-7 कट्टर भाजपा युवा समर्थक होगे। सब अपने ही भाई भतीजे गाँव वाले होगे। तकरीबन 10000 लोग होंगे । इन सबको आप रोजगार स्वरोजगार मुहैया करा दे तो उसके बाद कहे कि अमेठी मेरा तीर्थ है। फिलहाल अमेठी में लगभग 5 लाख लोग बेरोजगार है।

9. 2014 में पूरे यूपी ने अच्छे दिन के जुमले को अपनाया था लेकिन अमेठी ने नहीं। अमेठी ने मोदी लहर या सुनामी में भी कांग्रेस जीती थी। इस बार ये सच है कि अमेठी में भाजपा का माहौल बन रहा है लेकिन आरक्षण और एससीएसटी एक्ट के कारण-सबका मन खट्टा हो गया है। आरक्षण भी इसमें शामिल है।

10. आप अमेठी को स्मार्ट सिटी नहीं बनवा सकी जबकि पूरे देश में सैकड़ों शहरो के नाम है। अमेठी को नयी रेलगाड़ी भी नहीं मिली। रेलवे के दोहरीकरण की प्रक्रिया मनमोहन सिंह सरकार की देन है। आप अमेठी डायलाग बाजी ही करने आती हो और मीडिया के पत्रकारो को लिफाफा देने कि राहुल गाँधी जी के खिलाफ माहौल बनाते रहो। बदलाव की जगह बदले की राजनीति में पूरे भाजपा की दिलचस्पी है।

यहां बता दे कि अमेठी डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल गौरीगंज में सिटी स्केन मशीन के ईनागारेशान के मौके पर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष एवं अमेठी सांसद राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने मीडिया के माध्यम से राहुल से कई सवाल भी पूछे।

स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी के लिए धर्म तब एजेंडा बनता है जब उनके सिर पर चुनाव हावी होता है। राहुल गांधी अगर करप्शन की बात करते हैं तो पहले ये तो बता दें क्रिश्चियन मिशन किस इटेलियन लेडी और बेटे आर का नाम ले रहे हैं? सबसे पहले उसका जवाब दे दें देश की जनता को तब आगे की बात होगी।

राफेल के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस विषय पर बोल चुकी है, देश की संसद में भारतीय जनता पार्टी अपना पक्ष रख चुकी है तब भी राहुल गांधी को अगर सत्य रास न आए और वो झूठ के सामनें अपनी राजनीति करना चाहे तो उसमें आप क्या कर सकते हैं?

उनके लिए विषय इतना गंभीर नहीं, अगर होता तो हमारे देश की स्पीकर पर इस तरह से कागज फाड़-फाड़ कर कांग्रेस के नेता न उड़ाते।

राहुल के दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 2014 में हमने अमेठी की जनता को आश्वस्त किया था वो राहुल गांधी जो ईद का चाँद हैं अमेठी के लिए, वो राहुल गांधी जो पांच साल में एक बार अमेठी आते हैं, उस अमेठी में 2014 में हमने जनता के सम्मुख प्रतिज्ञा की थी कि बार-बार राहुल गांधी के दर्शन कराएगे। मुझे खुशी है इस बात की के 2019 के आगाज़ में दर्शन देने पर विवश हुए हैं अमेठी की जनता को।

लेकिन फर्क देखिए भाजपा के कार्यकर्ता जब अमेठी में जमीन पर उतरते हैं तो विकास के सिटी स्केन जैसे जैसे सेंटर का उदघाटन भी करते हैं काम भी करते हैं।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में उत्तर प्रदेश के लोगों को नौकरियों को न देने की बात करी तब राहुल गांधी ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री का खंडन नहीं किया। ये सत्य है के राहुल गांधी का जो पोस्टर लगा रहे हैं आज उनको भी पता है राहुल गांधी को महागठबंधन में इस प्रकार का आशीर्वाद न मायावती से प्राप्त हुआ है, न अखिलेश से प्राप्त हुआ है, न ममता से प्राप्त हुआ है। तो अगर खुद ख्वाब देखना चाहें तो मुंगेरी लाल के सपने देखने में किसने मना किया है?

उधर अमेठी से प्रस्थान करते-करते स्मृति ईरानी राहुल गांधी के हिंदुत्व पर बड़ा बयान दे गई। उन्होंने अमेठी के शुकुल बाजार में खुले शब्दों में कह डाला कि राहुल गांधी की न तो भगवान राम में आस्था है और न ही मंदिर में।

आज अपने एकदिवसीय दौरे पर अमेठी आई केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने शुकुल बाजार में कहा कि मैं कहूंगी कि राहुल गांधी जी का आज एक बयान आया है कि, उनके लिए राम मंदिर कोई विषय विशेष नहीं है। लेकिन मेरा जनता से कहना है कि गांधी परिवार ने और कांग्रेस पार्टी ने न्यायालय में यह लिखित दिया है कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है।

उनके लिए मंदिर भी कोई विशेष नहीं होगा। आज राहुल गांधी का यह बयान अपने आप में देश को यह संकेत देता है कि, वह हिंदू धर्म को तभी प्रिय मानते हैं जब उनको अपना वोट बैंक दिखता है। आस्था के नाम पर भगवान राम में ना उनकी आस्था है और ना ही मंदिर में उनकी आस्था है।

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