भाजपा शासित राज्यों में हो रही दुर्घटनाओं से सबक ले कांग्रेस: बसपा सुप्रीमों

मायावती ने रविवार को ट्विट करके कहा है कि 'जैसा कि विदित है कि बीजेपी-शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आये दिन दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है, जिसमें अभी तक इनकी काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी हैं, जो अति-दुखद हैं।

Update: 2020-05-17 10:18 GMT

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस को फिर से घेरते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेताओं को भाजपा शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की उपेक्षा के कारण हो रही दुर्घटनाओं से सबक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी 1000 बसों को यूपी से पहले पंजाब व चंडीगढ़ में यमुना नदी के जरिए घर वापसी कर रहे यूपी के मजदूरों को वापस भेजने के काम में लगाना चाहिए।

कांग्रेसी नेताओं को भी सबक सीखना चाहिये

मायावती ने रविवार को ट्विट करके कहा है कि 'जैसा कि विदित है कि बीजेपी-शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आये दिन दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है, जिसमें अभी तक इनकी काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी हैं, जो अति-दुखद हैं। उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेसी नेताओं को भी सबक सीखना चाहिये। क्योंकि पंजाब व चण्डीगढ़ से काफी प्रवासी यूपी के मजदूर लोग, सरकार की अनदेखी व उपेक्षा होने की वजह से, यमुना नदी के जरिये भी घर वापसी कर रहे हैं, जिनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना आदि हो सकती है।'

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बसपा सुप्रीमों ने कहा कि ऐसे में बेहतर होगा कि कांग्रेस अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाए, उन्हें पहले पंजाब व चण्डीगढ़ ही भेज दें, ताकि वे पीड़ित श्रमिक यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुंच सकें। राहुल गांधी की दिल्ली के आश्रम में मजदूरों से मुलाकात किए जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेता दिल्ली में मजदूरों से मिलने के दौरान अगर प्रवासी मजदूरों की कुछ आर्थिक मदद व खाने आदि की व्यवस्था भी कर देते तो उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल जाती।

राहुल गांधी का आश्रम में मजदूरों से मुलाकात का मामला

कांग्रेस को उनके दुख-दर्द को बांटने के साथ-साथ बसपा की तरह उनकी कुछ मदद भी जरूर करनी चाहिये।

बता दे कि बसपा सुप्रीमों मायावती ने शनिवार को भी प्रवासी मजदूरों के मजबूरी में होने वाले पलायन पर राजनीति नहीं करने की सलाह देते हुए कहा था कि केन्द्र तथा भाजपा व कांग्रेस-शासित राज्यों को दलगत राजनीति से उपर उठकर प्रवासी मजदूरों के जान-माल व हितों की रक्षा पूरी तत्परता व ईमानदारी से करनी चाहिए।

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