संविधान दिवस बोले सीएम योगी, यह पूरे भारत को माला में पिरोए हुए है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का पाठन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के सान्निध्य में वर्चुअल माध्यम से किया।

Update: 2020-11-26 13:20 GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का पाठन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के सान्निध्य में वर्चुअल माध्यम से किया।

लखनऊ: संविधान दिवस पर आज सरकार और संगठन ने एक साथ भारतीय संविधान की विशेषता पर बल देते हुए इसकी ताकत बताई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश संहिता (द्विभाषी) के दो संस्करणों का विमोचन किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का पाठन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के सान्निध्य में वर्चुअल माध्यम से किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश संहिता (द्विभाषी) के दो संस्करणों का विमोचन किया।

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भारतीय संविधान को अंगीकृत

मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। आज ही के दिन संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया। भारत के संविधान की ताकत ही है कि यह दुनिया के अन्दर सबसे बड़े लोकतंत्र का आदर्श बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि जाति, मत, सम्प्रदाय, भाषाएं, खान-पान की बहुलता होने के बावजूद भारतीय संविधान पूरे भारत को माला में पिरोए हुए है। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में भी संविधान की महती भूमिका है। न्याय, स्वतंत्रता, समता और बन्धुता ये भारत की सबसे बड़ी विशेषता है। इन्हीं मूलभूत बातों को ध्यान में रखकर सभी कार्यक्रम आगे बढ़ाये जा रहे हैं।

उन्होंने संविधान निर्माण में योगदान देने वाले सभी स्वाधीनता सेनानियों व महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने सभी को संविधान दिवस की बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्ष संविधान दिवस को काफी भव्य रूप में मनाया गया था तथा विधान मण्डल में इस पर केन्द्रित चर्चा की गयी थी। उन्होंने कहा कि संविधान में अधिकारों के साथ मूल कर्तव्य की भी बात की गयी है।

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फोटो-सोशल मीडिया

प्रत्येक नागरिक जागरूक

मूल कर्तव्य के प्रति प्रत्येक नागरिक को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। किसी भी सम्प्रभु राष्ट्र के लिए मूल कर्तव्य अत्यन्त आवश्यक है। संविधान में 11 मूल कर्तव्यों का उल्लेख है, जिनका अक्षरशः पालन करना चाहिए, जिससे एक स्वस्थ व सशक्त भारत बना सकें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वर्ष 2015 से संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन अत्यन्त गौरव का दिन है। संविधान हम सबको अधिकारों व कर्तव्य से जोड़ता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्गाें को योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। अनुच्छेद 51ए को आत्मसात करके हम कर्तव्य पथ पर चलते हुए देश को महान बना सकते हैं।

उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारत का संविधान राजधर्म है। भारत के लोगों से ही हमारा संविधान संरक्षित है।

कार्यक्रम का संचालन संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने किया।विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज ही के दिन हमारा संविधान अंगीकृत किया गया था।

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