अशुभ मुहूर्तः काशी के साधु-संत की आवाज, राम मंदिर भूमि पूूजन पर विवाद
मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन काशी के विद्वानों की देख रेख में होगा।जैसा की आप सभी जानते है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त की तारीख तय की गई है। इस दिन करीब 12 बजे भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण की आधारशिला पीएम मोदी रखेंगे।लेकिन मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।अब तो ज्योतिषी भी काशी के संतों के बाद मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
मंदिर के शिलान्यास की तय तिथि यानि 5 अगस्त को अशुभ बताते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया।
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5 अगस्त का यह समय है अशुभ
अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन 5 अगस्त दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।बताया जा रहा है कि मंदिर के शिलान्यास के लिए यह समय इस तारीख का सबसे अशुभ समय है।
विवाद के बाद काशी विद्वत परिषद भी कर रहा किनारा
काशी विद्वत परिषद के तीन सदस्य प्रख्यात ज्योतिषी रामचन्द्र पांडेय, काशी विद्वत परिषद के संयोजक डॉ रामनारायण द्विवेदी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के एक प्रफेसर को भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।लेकिन विवाद होने के कारण दो विद्वान खुद को इस कार्यक्रम से अलग कर रहे हैं और बोलने से बच रहे हैं।
काशी विद्वत परिसद के संयोजक डॉ रामनारायण द्विवेदी ने मुहूर्त पर उठ रहे सवाल पर कहा कि ये भूमि पूजन स्वयं भगवान राम का है और शिलान्यास स्वयं देश के राजा कर रहे हैं, इसलिए मुहूर्त बहुत मायने नहीं रखता है।
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