गेहूं खरीद के लिए सहकारिता विभाग ने भी शुरू की खरीदारी

विभागीय अधिकारियों एवं पीसीएफ, पीसीयू व यूपीएसएस के प्रबन्धक सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि क्रय केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये।

Update: 2020-04-16 07:45 GMT

लखनऊ: प्रदेश में गेहूं खरीद शुरू होने के बाद सहकारिता विभाग ने भी खरीद शुरू कर दी है। विभाग से जुड़ी एजेंसियों सहकारिता विभाग की गेहूं खरीदने वाली संस्था पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएसएस के प्रबन्धकों से कहा गया है कि क्रय केंद्रों पर किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नही होने पाये इसका विशेष ध्यान रखा जाये।

उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि 15 अप्रैल से पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएस0एस0 के द्वारा 3551 गेहॅू क्रय केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराते हुए गेहूं क्रय किया जाना प्रारम्भ कर दिया गया है।

धनराशि का भुगतान निर्धारित समय में ही किया जाये

विभागीय अधिकारियों एवं पीसीएफ, पीसीयू व यूपीएसएस के प्रबन्धक सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि क्रय केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये। उन्होने कहा कि गेहॅू क्रय केंद्रों पर कोरोना वायरस से बचाव हेतु साफ-सफाई, सेनेटाईजर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। साथ ही केंद्रों पर आने वाले किसानों से सोशल डिस्टंसिग का पालन कराया जाये और किसानों का क्रय किए गये गेहूं की धनराशि का भुगतान निर्धारित समय में ही किया जाये ।

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पंजीकृत मोबाईल नं. पर एसएमएस के जरिये दी जाएगी सूचना

उतर प्रदेश में गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1925 रुपया खरीद केंद्रो पर किसानों की अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था शुरु कर दी गयी है। जिला खाद्द विपड़न अधिकारी पंजीकृत किसानों को खरीद केंद्रों के टोकन जारी कर रहे है। किसानों को सात दिन का आनलाइन टोकन जारी किया रहा है। इसकी सूचना किसानों को उनके पंजीकृत मोबाईल नं. पर एसएमएस के जरिये दी जा रही है।

किसानों को विभाग द्वारा एसएमएस करके बताया जा रहा है कि उन्हें किस तारीख को किस खरीद केंद्र पर जाना है। जिन किसानों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है वे भी किसान क्रय केंद्र पर जाकर वहां मौजूद प्रभारी से अपना आधारा कार्ड फोटो पहचान पत्र , बैंक पासबुक और खतौनी की प्रति देकर के अपना पंजीकरण करा सकते है।

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इस इलाके को अन्न की कटोरी कहा जाता रहा है

गोरखपुर में घाघरा और कुआनों नदी के बीच का द्वारका वाले इलाके को अन्न की कटोरी कहा जाता रहा है। यहां इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार दिखाई पड़ रही है। बड़ी संख्या में किसान मशीनों के जरिए गेहूं कटाई के काम में लगे है।

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