कोरोना काल ने डसाः बड़ी मुश्किल से घिसट रहीं ये इकाइयां
पूर्वांचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया है जो जौनपुर मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर इलाहाबाद मार्ग पर स्थित है। 1989 में 508 एकड़ क्षेत्रफल में औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी।
जौनपुर। कल कारखानों के विकास के लिए सरकारी तंत्र के दावे चाहे जो हों लेकिन जमीनी सच कुछ और ही नजर आता है। सुविधाओं के अभाव में जौनपुर में औद्योगिक इकाइयां सिसक सिसक कर चलने को मजबूर हैं। जनपद के लगभग सभी औद्योगिक परिक्षेत्र में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है लेकिन जिम्मेदार इससे बेखबर हैं।
पूर्वांचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया है जो जौनपुर मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर इलाहाबाद मार्ग पर स्थित है। 1989 में 508 एकड़ क्षेत्रफल में औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी। स्थापना के बाद कुछ समय तक तो यहाँ उद्यमियों द्वारा उद्योग लगाने की होड़ लगी थी। लेकिन शासन प्रशासन की उपेक्षा ने उद्यमियों के हौसलों को पस्त कर दिया और लोग यहाँ अपना पैसा फंसाने से कतराने लगे।
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बचीं सिर्फ 110 यूनिट्स
लगभग 50 प्रतिशत उद्यमी अपनी इंडस्ट्री बंद कर पलायन कर गये है। और अब लगभग 110 बड़ी छोटी औद्योगिक इकाइयां उत्पादन कर रही हैं। जो इकाइयां चालू हैं उनमें पेप्सिको, अभिनव स्टील, एचआईएल सरिया, हाकिंस, पीसीआई, सुडिको बायो फर्टीलाइजर, कलर फोम, जॉली आदि इकाइयां शामिल हैं।
महामारी अभी खात्मे से बहुत-बहुत दूर
इन्डियन इन्डस्ट्री एशोसियेसन (आईआईए) के अध्यक्ष बृजेश कुमार यादव ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया में पानी, बिजली, सड़क, नाली सहित तमाम समस्याएं बरसों से बनीं हुईं हैं। जिम्मेदार लोगों से उद्यमी बराबर अपनी समस्या बताते हैं लेकिन कोई समाधान नहीं होता।
बिजली आपूर्ति के लिए लगाये गये खम्भे तार जर्जर हो गये हैं। प्रतिदिन घन्टो बिजली बाधित रहती है। 80 प्रतिशत सड़कें जर्जर हो गयी हैं। ट्रान्सफार्मर जल जाने पर उसे बदलने में हफ्तों लग जाते हैं। कच्चा माल न मिल पाने के कारण सतहरिया क्षेत्र में लगा पावर प्लांट बन्द हो गया है। सतहरिया में रेलवे की सुविधा नहीं होने के कारण यहाँ पर कच्चा माल लाने में ट्रान्सपोरेशन खर्च अधिक पड़ता है। यही नहीं, बैंक के लोग उद्यमियों का सहयोग नहीं करते हैं।
प्रशासन का कहना है कि सतहरिया में 14 हजार मीटर केबिल एवं जर्जर खंभों को बदलने के लिए बिजली विभाग को धन दिया जा चुका है जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है। जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए पीडब्लूडी विभाग को पैसा दिया जा चुका है। नीभापुर से सतहरिया तक रेलवे लाइन बिछाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को कई बार भेजा गया था अब पुनः प्रस्ताव भेजा गया है।
पूरे जनपद में यही हाल
पूरे जनपद में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र त्रिलोचन, सिधवन, शाहगंज, सिद्दीकपुर की हालत सरकारी उपेक्षा को बयां करती है। जनपद में लगभग 214 बड़ी छोटी औद्योगिक इकाइयां हैं जिसकी व्यवस्था का दायित्व यूपीएसआईडीसी पर है।
रिपोर्टर - कपिल देव मौर्या, जौनपुर
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