सुर्खियों में है कोरोना का काशी मॉडल, पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

Varanasi model : कोरोना की दूसरी लहर के बीच वाराणसी मॉडल की चर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।

Reporter :  Ashutosh Singh
Published By :  Shraddha
Update:2021-05-23 13:17 IST

  वाराणसी मॉडल 

Varanasi model : कोरोना की दूसरी लहर के बीच वाराणसी मॉडल (Varanasi model) की चर्चा हर तरफ हो रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी बनारस जिला प्रशासन के साथ डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ की तारीफ कर चुके हैं। जिस कोरोना ने बड़े-बड़े विशेषज्ञयों के होश फाख्ता कर दिए, काशी मॉडल ने एक सप्ताह के अंदर ही कोरोना का तिलिस्म तोड़ दिया। तीन हजार का आंकड़ा अचानक कुछ सौ में सिमट गया। अब सवाल ये है कि बनारस मॉडल क्या है और कैसे इसकी वजह से कोरोना कि रफ्तार थम गई।

वाराणसी के कमिशनर दीपक अग्रवाल के मुताबिक जिला प्रशासन ने पीएम नरेंद्र मोदी के दिए मूल मन्त्र ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के आधार पर काम किया। इस काम में इंटीग्रेटेड काशी कोविड रिस्पॉन्स सेंटर का रोल बेहद अहम रहा। कोरोना को काबू करने के लिए कमांड सेण्टर, एक छत के नीचे रात-दिन काम कर रहा है और सभी को चिकित्सा सेवा मुहैया करा रहा है। टेली मेडिसिन के जरिए एक-एक मरीजों पर नजर रखी गई। कमांड सेंटर में मौजूद कर्मचारी प्रतिदिन मरीजों से बात करते थे। मरीजों को दवा पहुंचाने से लेकर टेस्ट करने तक सभी पर जिला प्रशासन की नजर टिकी रहती थी।

टूटने नहीं दिया ऑक्सीजन की चेन

कमिश्नर दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा कमांड सेण्टर पर रोजाना निरीक्षण करते है और रणनीति बनाते है "इंटीग्रेटेड काशी कोविड रिस्पॉन्स सेंटर" के पास ऑक्सीजन की उपलब्धता, रोजाना खपत, आइसोलेशन बेड की संख्या, आईसीयू बेड की उपलब्धता, टीकाकरण का डाटा, संक्रमित मरीजों और ठीक हुए मरीजों की संख्या, मौते, दवा वितरण की संख्या समेत कई तरह की जानकारियां रोज के आधार पर उपलब्ध रहती है। यही नहीं ऑक्सीजन कि सप्लाई चेन को बरकरार रखने के लिए भी जिला प्रशासन ने दिन रात मेहनत की है।

'संकट मोचन' बने मोदी के भरोसेमंद एके शर्मा

बनारस मॉडल के एक और किरदार रहें जिनका नाम एके शर्मा है। बनारस के ऊपर जब कोरोना का खतरा मंडराया तो पीएम ने अपने सबसे भरोसेमंद पर विश्वास दिखाया। बनारस में जब आंकड़े बढ़ने लगे तो पूर्व आईएएस एके शर्मा ने डेरा जमा लिया। पीएम मोदी ने उन्हें बतौर कोविड प्रभारी के तौर पर बनारस में नियुक्त किया था। इसके बाद एके शर्मा ने स्थानीय जिला प्रशासन के साथ तालमेल बैठाया। ऑक्सीजन चेन को बरकरार रखने के साथ ही अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कराने का जिम्मा एके शर्मा ने अधिकारियों के साथ संभाला। कोविड कमांड सेंटर में वो लगातार बैठक लेते रहे। नतीजा ये रहा की दस दिनों में ही उन्होंने कोरोना के तिलिस्म को तोड़ दिया। 

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