मुफ्त ऑक्‍सीजन दी तो क्‍यों नहीं पहना पीपीई किट, अब जाना होगा जेल

पुलिस का कहना है कि अस्‍पताल के सीएमएस ने कहा है कि कोरोना से बचाव प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना अपराध है।

Reporter :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Dharmendra Singh
Update:2021-04-30 19:25 IST

अस्पताल में लोगों की मदद करने वाले रितेश (फोटो: सोशल मीडिया)

जौनपुर: जौनपुर जिला अस्‍पताल में तड़प रहे कोरोना पीडि़तों को जिस अस्‍पताल प्रशासन ने ऑक्‍सीजन और दवा नहीं मुहैया कराई। उन मरीजों को ऑक्‍सीजन दे रहे रितेश उर्फ विक्‍की बाबा पर पुलिस ने इस लिए मुकदमा दर्ज कर लिया है कि मुफ्त ऑकसीजन बांटने के दौरान उन्‍होंने पीपीई किट नहीं पहन रखी थी। पुलिस का कहना है कि अस्‍पताल के सीएमएस ने कहा है कि कोरोना से बचाव प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना अपराध है। सीएमएस की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

जौनपुर शहर में कई समाजसेवी हैं, लेकिन जिला अस्‍पताल में कोरोना से तड़प रहे मरीजों की मदद करने के लिए कोई नहीं पहुंचा। जिला अस्‍पताल के स्टॉफ ने भी सीमित संसाधन का हवाला देकर जब हाथ खड़े कर दिए तो एंबुलेंस चालक रितेश उर्फ विक्‍की बाबा का दिल पसीज गया। लेकिन उनकी यही इंसानियत अब भारी पड़ रही है। पुलिस कप्‍तान राजकरन नय्यर का कहना है कि विक्‍की के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा अस्‍पताल के सीएमएस की तहरीर पर लिखा है।
कोरोना प्रोटोकॉल का उल्‍लंघन संज्ञेय अपराध है। रितेश ने मरीजों को असुरक्षित तरीके से ऑक्‍सीजन दी है। उसे इस संक्रमण से बचाव के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं मिला है। जो फोटो मिली है उसमें भी साफ दिख रहा है कि उसने पीपीई किट भी नहीं पहनी है और न अपने हाथ में सर्जिकल ग्‍लब्‍स ही पहन रखा है। उसने मास्‍क भी नहीं लगाया है। उनकी इन सब लापरवाहियों से संक्रमण फैलने का खतरा था। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला अस्पताल ने तहरीर दिया जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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इस संदर्भ में जब मुकदमा दर्ज कराने वाले सीएमएस डाॅ एकेशर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रितेश उर्फ विक्की बाबा यहां अस्पताल के गेट पर मरीजों को रोक कर कहते थे कि सरकार मदद नहीं कर रही है। वह सरकार की आलोचना कर रहे थे। अस्‍पताल परिसर में ही वह लोगों को निःशुल्क आक्सीजन दे रहे थे। इसकी खबर मिलने पर अस्पताल का प्रभारी होने के कारण मैनें स्वयं जाकर विक्की से कहा कि आक्सीजन इमरजेन्सी में रखें और वहीं पर चिकित्सक की देखरेख में मरीजों को लगवाये लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
वह पूरी तरह असुरक्षित तरीके से संक्रमण फैलाने का काम कर रहे थे। यह वीडियो वायरल हुआ जिलाधिकारी तक खबर पहुंच गयी और जब यह बात सामने आयी कि कैसे असुरक्षित तरीके से संक्रमण फैलाने का काम किया जा रहा है तो इसकी लिखित शिकायत पुलिस को दिया गया और पुलिस ने विधिक कार्यवाही कर दिया है।




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