CM साहब पेंशन दिला दो, 2 साल से गुहार लगा रहा है पुलिस वाले का परिवार

Update: 2016-02-19 05:36 GMT

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लखनऊ: पूरी जिंदगी पुलिस महकमे में गुजार देने वाले एक शख्स का बेटा पिछले दो साल से अपने पिता के हक का पैसा पाने के लिए चक्कर काट रहा है। जमा किए हुए पैसे खर्च हो चुके हैं और अब भूखे रहने तक की नौबत आ गई है, लेकिन पेंशन अभी तक नहीं बन पाई है। जब वो आस लगाए एसएसपी आवास पर पहुंचे तो वहां से उन्हें खाली हाथ वापस लौटा दिया गया।

क्या है मामला ?

एटा निवासी नानक सिंह सलूजा गोमतीनगर से 30 अप्रैल, 2014 को रिटायर हुए थे। 11 नवम्बर, 2014 को उनका निधन हो गया। इस दौरान उनकी पेंशन नहीं बन पाई और न ही पीएफ के अलावा और कोई भुगतान हो सका। अब पारिवारिक पेंशन बनवाने के लिए उनकी पत्नी राजकौर अपने बेटे के साथ लखनऊ और हरदोई का चक्कर काट रही है, लेकिन बाबू उन्हें सिर्फ इस दफ्तर से उस दफ्तर दौड़ा रहे हैं।

पत्नी राजकौर ने बयां किया दर्द

- मेरे पति लखनऊ में तैनात थे, लेकिन 03 दिसंबर 2011 को उनके पति का तबादला हरदोई हो गया।

- 26 जनवरी, 2013 को वो फिर लखनऊ आए और गोमतीनगर से रिटायर हो गए।

- उनकी एलपीसी (लास्ट पे सर्टिफिकेट) दो सालों तक लखनऊ से हरदोई नही पहुंची।

- इस वजह से उन्हें हरदोई में वेतन नहीं मिला।

- हरदोई जाने पर लखनऊ एसएसपी के ऑफिस का काम बताकर वहां से उन्हें टाल दिया जाता है।

- लखनऊ एसएसपी ऑफिस आने पर हरदोई से कागज़ लाने की हिदायत देकर लौटा दिया जाता हैं।

क्या कहता है बेटा ?

- पिताजी को मरे दो साल हो गए हैं, जो भी जीपीएफ मिला था वो सब ख़त्म हो चुका है।

- यहां सिर्फ उन्हीं का काम होता है, जिनके पैसों से बाबुओं की जेबें गर्म होती हैं।

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