Jalaun News: पत्नी की हत्या के जुर्म में पति को उम्रकैद, ससुरालीजन बरी, 2017 में पिता की तहरीर पर दर्ज हुआ था मुकदमा
Jalaun News: डकोर कोतवाली में 20 नवम्बर 2017 को महोबा जनपद के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र के ग्राम सुगरा निवासी बद्री प्रसाद ने तहरीर दी थी। इसमें उसने अपनी बेटी मिथिलेश की हत्या का आरोप ससुरालियों पर लगाया था।
Jalaun News: जालौन के डकोर थाना क्षेत्र के एरी रमपुरा गांव में 18 नवंबर 2017 को विवाहिता की मौत हुई। इसमें मायके पक्ष से पति व ससुरालियों पर घर में हत्या कर शव को खेत की झाड़ियों में फेंकने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद फार्स्ट ट्रेक कोर्ट ने शनिवार को गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर पति को उम्रकैद की सजा सुनाई और वहीं अन्य नाम दर्ज को साक्ष्यों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया।
जानकारी के मुताबिक जनपद की डकोर कोतवाली में 20 नवम्बर 2017 को महोबा जनपद के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र के ग्राम सुगरा निवासी बद्री प्रसाद ने तहरीर दी थी। इसमें उसने अपनी बेटी मिथिलेश की हत्या का आरोप ससुरालियों पर लगाया था। बताया था कि बेटी का विवाह चार साल पहले 2013 में डकोर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ऐरी रमपुरा के रहने वाले पूरन के साथ किया था। विवाह में अपनी सामर्थ्य के अनुसार घर गृहस्थी का सामान व नगद 50 हजार रुपये पूरन व उसके पिता को भेंट किये थे, पर विवाह के बाद पुत्री मिथिलेश का पति पूरन, सास सुंदर, देवर खिलावन, चचिया ससुर लाल दीवान पुत्री को अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल एवं सोने की चेन की मांग करने लगे। यह मांग पूरी नहीं की तो यह लोग पुत्री के साथ मारपीट करने लगे।
शादी के डेढ़ साल बाद बेटी को खुश देखने के लिये 35 हजार रुपये नगद तथा मोटरसाइकिल खरीद कर दी, लेकिन उक्त लोग संतुष्ट नहीं हुए और 17/18 नवंबर 2017 की रात में दहेज लोभियों ने बेटी को तल घर में ले जाकर हत्या कर दी, साथ ही रात में ही शव को खेत की झाड़ियों में फेंक आए। इस मामले में पिता की तहरीर के आधार पर दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मामले को लेकर शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडे ने बताया कि जिसकी जांच उरई क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई थी।
मामले में चार्जशीट पेश की, 6 साल तक चली सुनवाई के बाद साक्ष्यों के आधार पर पति पूरन को हत्या का दोषी मानते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश कमर अहमद द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने दोषी पति पर 20 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। वहीं साक्ष्यों के अभाव में केस में अन्य नामदर्ज लोगों को कोर्ट ने दोषमुक्त किया है।