जेलों से अब नही चल सकेंगी आपराधिक गतिविधियां- मुख्यमंत्री योगी

प्रदेश सरकार ने लखनऊ में गत दिनों वीडियोवाल का उद्धघाटन किया है जिससे प्रदेश की सभी जेलों को कनेक्ट कर दिया गया है। इससे अब एक स्थान पर बैठकर ही प्रदेश के किसी भी जेल के अन्दर अथवा बाहर होने वाली गतिविधियों की निगरानी की जा सकेगी।

Update: 2019-12-09 11:35 GMT

अंबेडकरनगर: महिला सम्बन्धी बढ़ रहे अपराध आज भी प्रदेश सरकार के लिए चुनौती हैं। इसके लिए जब दोषी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होगी तभी इस पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा। इसके लिए कानून को सख्त होना आवश्यक है और जब कानून सख्त होगा तो अपराधियों में भय होगा। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला कारागार के सभा कक्ष में जिला कारागार के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लखनऊ में गत दिनों वीडियोवाल का उद्धघाटन किया है जिससे प्रदेश की सभी जेलों को कनेक्ट कर दिया गया है। इससे अब एक स्थान पर बैठकर ही प्रदेश के किसी भी जेल के अन्दर अथवा बाहर होने वाली गतिविधियों की निगरानी की जा सकेगी।

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पेशेवर अपराधियों को सजा देने के लिए जेल जरूरी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशेवर अपराधियों को सजा देने के लिए जेल जरूरी है। जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे गये हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार त्वरित न्यायालयों के माध्यम से त्वरित निर्णय कराने का प्रयास कर रही है। सोमवार को ही उनकी कैबिनेट ने प्रदेश में 214 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट के संचालन की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इससे महिला सम्बन्धित अपराधों के अलावां पास्को एक्ट व बाल अपराध से जुड़े मामलों का त्वरित निस्तारण कराया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक मामलों के तहत बड़ी संख्या में लोगों के ऊपर अपराध दर्ज थे। इनमें ज्यादातर मामले धारा 188 के तहत दर्ज किये गये थे। उनकी सरकार ने ऐसे 20 हजार मुकदमों को न्यायालय की अनुमति से समाप्त कर दिया है। इससे न्यायालयों पर बोझ कम हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी मंशा है कि सख्त अपराधों में अपराधियों को एक सप्ताह से लेकर 15 दिन के अन्दर सजा दे दी जाए जिससे अपराधियों में डर की भावना भी होगी। उन्होनें कहा कि कानून की सख्ती का आधार जेल भी है।

जेलों से आपराधिक गतिविधियों का संचालन होता आ रहा है, जिस पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा चुका है। अब जेलों को सुधार गृह के रूप में भी विकसित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है। उन्हें उम्मीद है कि यह एक्सप्रेस वे दीपावली तक लोगों के लिए खुल जायेगा।

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बड़े अपराधियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जायेगी

इससे लखनऊ और दिल्ली की दूरी काफी सीमित समय में तय की जा सकेगी। इसके साथ ही पूर्वांचल में विकास की बेहतर संभावनाएं भी बढ़ सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोयडा के निकट जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एअरपोर्ट बन रहा है जो 2023 तक शुरू हो जायेगा। उन्होनें कहा कि अयोध्या में भी बड़ा एअरपोर्ट बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने साफ किया कि अब बड़े अपराधियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जायेगी। 970 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अपर मुख्य सचिव गृह एवं कारागार अवनीश अवस्थी ने कहा कि अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, संतकबीरनगर व गोरखपुर को जोड़ने के लिए भी एक अलग एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है।

इसके लिए किसानों को दिये जाने वाले मुआवजे में यदि कहीं से कोई शिकायत मिली तो सीधे जिलाधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होेंने कहा कि मुआबजे का भुगतान जिलाधिकारी के खाते से सीधे किसान के खाते में होगा। उन्होनंे बताया कि प्रदेश सरकार ने गृह विभाग के बजट को दो सौ करोड़ से बढ़ाकर दो हजार करोड़ कर दिया है जिससे पुलिस के साथ -साथ जेलों के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध हो पा रहे हैं।

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उन्होनें बताया कि अम्बेडकरनगर की जेल सभी सुविधाओं से युक्त है। कार्यक्रम को कारागार राज्य मंत्री जयकुमार जैकी ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम स्थल पर पंहुचने पर मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तत्पश्चात जिला कारागार का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, विधायक अनीता कमल व संजू देवी, डीजी कारागार आनन्द कुमार, जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा सहित अन्य विशिष्ट जन मंच पर मौजूद रहे।

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