क्या आप जानते हैं यूपी में अपराधों और रईसी में कौन से दो माननीय हैं अव्वल

17वी लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 79 लोकसभा के सांसदों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर के द्वारा किया गया जिसमें 44 (56 प्रतिशत) सांसदों के द्वारा अपने ऊपर आपराधिक मामलें घोषित किये गये है ।

Update: 2019-05-28 13:45 GMT

लखनऊ: कहने को कोई कुछ कहे पर राजनीति में धनबल और बाहुबल का असर कम होता नहीं दिख रहा है। जहां पिछले लोकसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव जीतने वाले धनाडयों की संख्या खूब थी वहीं इस बार भी ऐसे ही प्रत्याशियेां की चुनाव में जीत हुई है। इस बार के लोकसभा चुनाव में सांसदों की औसतन सम्पत्ति 18.5 करोड है।

17वी लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 79 लोकसभा के सांसदों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर के द्वारा किया गया जिसमें 44 (56 प्रतिशत) सांसदों के द्वारा अपने ऊपर आपराधिक मामलें घोषित किये गये है । वही 2014 के आम चुनाव में 80 सांसदों में से 28 (35 प्रतिशत) सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे।

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गम्भीर आपराधिक मामलों मे भी बार के आम चुनावों में बढोत्तरी हुयी है । 79 सांसदों में से 37 (47 प्रतिशत) ने अपने ऊपर गम्भीर आपराधिक मामलें घोषित किये इसके तुलना में 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 सांसादों में से 22 (28 प्रतिशत) ने ही गम्भीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। आपराधिक मामलों में पहले नम्बर पर मोहम्मद आजम खान है जो समाजवादी पार्टी से रामपुर लोकसभा सीट से चुने गये है दूसरे नम्बर पर अतुल कुमार सिंह है। जो घोसी से बहुजन समाज पार्टी की सीट से चुनाव लडकर जीते है । वही तीसरे नम्बर पर स्वामी सच्चिदानंद हरी साक्षी है जो बीजेपी की सीट पर उन्नाव से चुनाव जीते है।

प्रदेश के 79 सांसदों में से 77 (98 प्रतिशत) सांसद करोडपति है जिसकी तुलना में 2014 में 80 सांसदों में 68 (85 प्रतिशत) ही सांसद करोडपति थे। सबसे अधिक करोडपति के मामले में पहले स्थान पर हेमा मालिनी जो मथुरा लोकसभा सीट से बीजेपी से चुनाव में विजयी हुयी है दूसरे नम्बर पर बहुजन समाज पार्टी के मलूक नागर है । जिन्होंने बिजनोर से जीत दर्ज की है, तीसरे नम्बर पर बीजेपी के अनुराग शर्मा है जो झांसी संसदीय क्षेत्र से चुने गये है।

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इस बार के लोकसभा चुनाव में 16 (20 प्रतिशत) ऐसे सांसद चुने गये है जो 8 वी से 12वी तक पढे है जबकि 61 (77 प्रतिशत) ऐसे सांसद है जिन्होंने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है 1 सांसद ऐसे है जो जिन्होंने अपनी शिक्षा साक्षर घोषित की है। आम चुनाव में 27 (34 प्रतिशत) ऐसे सांसद है जिनकी उम्र 25 से 50 वर्ष की बीच है जबकि 51 (65 प्रतिशत) ऐसे सांसद है जिनकी उम्र 51 से 80 वर्ष की बीच है एक सांसद ने अपनी उम्र 80 वर्ष से अधिक घोषित की है। इस बार के लोकसभा चुनाव में 79 सांसदो में से 10 (13 प्रतिशत) महिला प्रत्याशी विजयी हुयी है जबकि 69 (87 प्रतिशत) पुरूष सांसद है।

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