अपराधियों का सरकार के साथ प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप हो गया है- दीपक सिंह

विधानपरिषद में दीपक सिंह जब वह पुलिस वालों से घर जाने की बात कहती है तो उसके साथ मारपीट की जाती है घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के संरक्षण में पुलिस अपराध और अपराधियों को बचाने के कार्य कर रही है।

Update: 2020-02-17 14:21 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान परिषद् दल के नेता दीपक सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश में कब थमेगा महिलाओ की अस्मिता लूटने का सिलसिला उत्तर प्रदेश में सरकार जुबानी तौर पर बड़े-बड़े दावे करती है वहीं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में कोडियाव पुलिस चैकी से पूछताछ के बहाने दो पुलिस वाले एक अध्यापिका को बंधक बनाकर ले जाते हैं और घंटों बलात्कार करते हैं।

अपराधियों को बचाने के कार्य कर रही है पुलिस

विधानपरिषद में दीपक सिंह जब वह पुलिस वालों से घर जाने की बात कहती है तो उसके साथ मारपीट की जाती है घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार के संरक्षण में पुलिस अपराध और अपराधियों को बचाने के कार्य कर रही है। आप अधिकांश समय तो गोरखपुर में ही देते हैं फिर भी नाक के नीचे इस घटना में अभी तक प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं हुई। पूर्वांचल में पुलिस पर पूर्व में भी अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के मामले सामने आए हैं परंतु उजागर करने वाले मान्यता प्राप्त पत्रकार पर जानलेवा हमला व मुकदमे दर्ज किए गए।

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पत्रकार विजय मिश्रा व कैमरामैन को बंधक बनाकर मारा-पीटा गया

दीपक ने कहा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ही सरकार जहां बढ़ते अपराधों को नकारती है वहीं दूसरी तरफ सरकारी संरक्षण में चल रहे अपराधों को प्रकाशित करने वाले पत्रकारों का पुलिस व संबंधित उच्च अधिकारियों द्वारा पत्रकारों पर जानलेवा प्रहार किए जा रहे हैं। लखनऊ के बंसल इंस्टिट्यूट सीतापुर रोड पर स्थित विद्यालय सेठ एमआर जयपुरिया में एक बच्चे पर जबरन घंटों बंधक बनाए रखने से संबंधित खबर लेने गए पत्रकार विजय मिश्रा व कैमरामैन को बंधक बनाकर मारा-पीटा गया तथा सामान जप्त कर लिया गया।

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सेनानी के आश्रित को मिलने वाले विशेष आरक्षण को समाप्त कर दिया गया

दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेनानी के आश्रित को आयु सीमा में मिल रही छूट और मिलने वाली पेंशन तथा उनके आश्रितों के विशेष आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है जबकि उक्त आश्रित के साथ विशेष आरक्षण श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अभ्यार्थियों जैसे भूतपूर्व सैनिकों को 5 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक तथा दिव्यांगों को अधिकतम आयु सीमा में 15 वर्ष तक की छूट मिल रही है परंतु स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जो कि अपने प्राणों की बलि प्रदान करने के बाद देश को आजाद कराया है , उन्हीं के साथ ही क्यों अन्याय किया जा रहा है

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