ताजमहल पर कहर: 'प्रेम का प्रतीक' को हुआ भारी नुकसान, पेड़ गिरने से टूटी रेलिंग
पर्यटक ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं, वहां मड पैक के लिए खड़ी की गई पॉड गिरने से रेलिंग टूट गई। इतना ही नहीं प्रवेश स्थल के बरामदे की सीलिंग को भी आंधी-तूफान से भारी नुकसान पहुंचा है।
आगरा: एक तरफ कोरोना के खिलाफ पूरा देश जंग लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जगह-जगह मौसम की मार भी अब झेलनी पड़ रही है। पश्चिम बंगाल में तूफ़ान अम्फान की वजह से बड़ी त्रासदी हुई। अब बीते दिन शुक्रवार को आई तेज आंधी और बारिश की वजह से दुनिया के सात अजूबों में शामिल प्रेम की निशानी कहे जाने वाले आगरा के ताजमहल को भारी नुकसान पहुंचा है। ताजमहल परिसर में तेज आंधी-तूफान से रेलिंग टूट गई और बगीचे के कई पेड़ गिर गए।
बरामदे की सीलिंग को भी आंधी-तूफान से भारी नुकसान
बता दें कि जहां से पर्यटक ताजमहल परिसर में प्रवेश करते हैं, वहां मड पैक के लिए खड़ी की गई पॉड गिरने से रेलिंग टूट गई। इतना ही नहीं प्रवेश स्थल के बरामदे की सीलिंग को भी आंधी-तूफान से भारी नुकसान पहुंचा है। यह तेज़ आंधी और तूफ़ान शुक्रवार की शाम करीब सात बजे आई जिसकी वजह से ताजमहल में यमुना किनारे की तरफ वाले मुख्य मकबरे पर बंधी लोह की लंबी पाइप (स्केफोल्डिंग) गिर पड़ी।
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वहां के लोगों ने बताया कि स्केफोल्डिंग के गिरने से व्हाइट प्लेटफार्म पर लगी संगमरमर की रेलिंग और उसके ठीक नीचे चमेली फर्श पर लगी रेड सैंड स्टोन की जालीदार रेलिंग दोनों टूट गई।
वुडन रेलिंग भी आंधी-बारिश की वजह से टूट गई
चमेली फर्श पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा पर्यटकों को यमुना किनारे की तरफ जाने से रोकने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई वुडन रेलिंग भी आंधी-बारिश की वजह से टूट गई। ताजमहल को पहुंचे नुकसान की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी डॉ बसंत कुमार ने भी पुष्टि की है। बता दें कि लॉकडाउन की वजह से ताजमहल अभी बंद है और आम लोगों के प्रवेश पर रोक है।
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