नहीं चेते तो लखनऊ में होगा कोरोना विस्फोट, यूपी में पहले नंबर पर
कोरोना अब तक प्रदेश में 8783 लोगों की जान ले चुका है। कांटेक्ट ट्रेसिंग में हजरतगंज व इंदिरानगर में सबसे अधिक मरीज मिले हैं। इसके बाद गोमतीनगर, मानकनगर, आलमबाग, सुशांत गोल्फ सिटी, महानगर, अलीगंज, तालकटोरा और चौक भी चपेट में हैं।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: कोविड-19 के मामलों में हाल के दिनों में अभूतपूर्व वृद्धि ने एक बार फिर संकट की घड़ी ला दी है। इस बार कोरोना के मामलों के बढ़ने की रफ्तार पिछले साल मार्च के मुकाबले कई गुना तेज है। पिछले साल देश में कोरोना मरीजों की संख्या 14 मार्च को बीस थी और 27 मार्च को 160 नये मामले सामने आए थे। लेकिन इस बार 26 मार्च को यह आंकड़ा 56258 है। यही हाल उत्तर प्रदेश का है। इस राज्य में पिछले साल इस तारीख को मात्र 50 मरीज थे और इस बार यह आंकड़ा 1000 पार कर चुका है। कोरोना की रफ्तार को देखते हुए होली व शबे बरात का त्योहार अलार्मिंग है।
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वर्तमान में अब तक 1856 कोविड-19 मरीज मिल चुके हैं
सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक लखनऊ में सबसे भयावह स्थिति है यहां वर्तमान में अब तक 1856 कोविड-19 मरीज मिल चुके हैं। जबकि लखनऊ के मुकाबले अन्य शहरों वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में यह आंकड़ा 500 के नीचे है।
कोरोना अब तक प्रदेश में 8783 लोगों की जान ले चुका है
कोरोना अब तक प्रदेश में 8783 लोगों की जान ले चुका है। कांटेक्ट ट्रेसिंग में हजरतगंज व इंदिरानगर में सबसे अधिक मरीज मिले हैं। इसके बाद गोमतीनगर, मानकनगर, आलमबाग, सुशांत गोल्फ सिटी, महानगर, अलीगंज, तालकटोरा और चौक भी चपेट में हैं।
सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक प्रदेश के बीस जिलों में कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ रहे हैं। इनमें कानपुर, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, शाहजहांपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, झांसी, सहारनपुर, उन्नाव, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद और बलरामपुर आदि जिले शामिल हैं।
सरकार लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क के नियमों का पालन कर रही है
सरकार लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क के नियमों का पालन कर रही है। वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ा दिया गया है। क्योंकि वर्तमान हालात में सिर्फ वैक्सीन ही कोरोना को नियंत्रित करने का सबसे कारगर व सटीक हथियार है। वैक्सीन लगवाने के बाद हालांकि कुछ लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की खबरें आई हैं लेकिन वैक्सीनेशन के बाद कोरोना की मारक क्षमता कम हो जाती है ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।
लोगों को घरों से निकलकर वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देनी चाहिए
इसलिए लोगों को घरों से निकलकर वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देनी चाहिए। हर व्यक्ति जब तक वैक्सीनेटेड नहीं होगा कोरोना को नहीं हराया जा सकेगा।
इधर यूपी में कोरोना का साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन भी आने की खबर है। इसका सबसे बड़ा खतरा उन लोगों को है जिन्हें कोरोना हो चुका है। क्योंकि रिसर्च बताती है कि इस स्ट्रेन की दक्षिण अफ्रीका में कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में संक्रमण की रफ्तार 48 फीसदी थी। लेकिन बेहतर बात यह है कि इससे दोबारा संक्रमित लोग जल्द नियंत्रण में आ जा रहे हैं।
ऐसे में कोरोना के संभावित लक्षणों वाले मरीजों के लिए जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचना जरूरी है। किसी को भी कोरोना के लक्षणों को छिपाना नहीं चाहिए। बल्कि खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।
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डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए सबसे दूरी बनाकर रहें। घर से बाहर मास्क लगाकर निकलें। घर में सिर्फ गुनगुना पानी नींबू डालकर पिएं। फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। ठंडा पानी या ठंडे पेय पदार्थ न पिएं।
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