Jalaun News: 43 साल बाद आया फैसला, पुलिस से आरोपियों को छुड़ाने मामला, दो को कारावास, अन्य दो की हो चुकी है मौत
Jalaun News: जालौन में 43 साल पहले पुलिस अभिरक्षा से मारपीट कर आरोपी को छुड़ाने व थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मारपीट कर सिपाही की राइफल लूटने के मामले में न्यायालय ने दो लोगों को दोषी पाया।
Jalaun News: जालौन में 43 साल पहले पुलिस अभिरक्षा से मारपीट कर आरोपी को छुड़ाने व थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मारपीट कर सिपाही की राइफल लूटने के मामले में न्यायालय ने दो लोगों को दोषी पाया। अपर सत्र न्यायाधीश ने मुख्य आरोपी को 10 वर्ष कारावास के साथ 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। वहीं दूसरे दोषी को तीन वर्ष कारावास के साथ 3 हजार का अर्थदंड लगाया। घटना में नामजद अन्य दो आरोपियों की फैसला आने से पहले मौत हो चुकी है।
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1980 में हुई थी घटना
आपको बता दें कि कुठौंद थाना क्षेत्र के शेखपुर अहीर गांव में मारपीट के मामले में अप्रैल 1980 में पुलिस ने आरोपी उजागर सिंह यादव को गिरफ्तार किया था। उसी समय गांव निवासी प्रताप, चतुर यादव, भलरवाली सहित छह लोगों ने थाने पहुंचकर पुलिस अभिरक्षा से मारपीट एवं बवाल करके उजागर को छुड़वा लिया था। जिसमें उक्त लोगों ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से लाठी-डंडो से मारपीट की थी, हंगामा करने वालों ने एक सिपाही की राइफल लूट ली थी। जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया गया था।
तत्कालीन कुठौंद उपनिरीक्षक जगदीश चौहान की तहरीर पर चार लोगों पर संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई थी। जिसमें से उजागर व भलरवाली की मौत हो चुकी है। 43 साल तक चले मामले में कोर्ट ने गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर शेष बचे दो लोगों प्रताप व चतुर यादव को दोषी पाया। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश अंचल लवानिया ने चतुर को 10 वर्ष कारावास व 10 हजार अर्थदंड और प्रताप को 3 वर्ष कारवास की सजा सुनाई।