श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: कभी भारत अपनी रक्षा के लिए दुनिया के विकसित देशों से सुरक्षा उत्पादों की खरीदारी करने को मजबूर था पर बदलते वक्त ने आज देश को उस मुकाम पर पहुंचा दिया है कि अब हम दूसरे देशों को सुरक्षा उत्पाद बेच रहे हैं। इस बदलते भारत की नई तस्वीर ही कहा जाएगा कि यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो-2020 में 70 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। जहां तक एक्सपो में प्रदर्शकों की संख्या की बात है तो इसमें 856 देशी और 172 विदेशी कंपनियों का शामिल होना देश के लिए गौरव की बात है।
बढ़ेगी भारत की भागीदारी
दरअसल, आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं होती हैं। पहली रिसर्च एंड डेवलेपमेंट की उच्च क्षमता और दूसरी उन शस्त्रों का उत्पादन करने की। यही कारण है कि बीते 5-6 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र को अपनी राष्ट्र नीति का प्रमुख अंग बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जानते हैं कि यूजर और प्रोड्यूसर के बीच भागीदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है। पहले डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत समस्याएं आती थीं। इसके लिए अब रास्ते खोले गए हैं और डीआरडीओ में भारतीय उद्योगों के लिए बिना चार्ज के ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी की नीति बनाई गई। मोदी सरकार ने ऐसी नीति अपनाई जिससे वल्र्ड सप्लाई चेन्स में भारतीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ेगी। दुनिया के टॉप डिफेंस मैन्युफैक्चररर्स को अधिक कॉम्पीटेंट इंडियन पार्टनर्स मिलेंगे।
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अमेरिका से बढ़ेगा रक्षा कारोबार
आज अमेरिका जैसा दुनिया का नम्बर एक देश भारत के साथ अपने रक्षा कारोबार को कई गुना बढ़ाने के लिए तैयार है। अमेरिकी राजदूत केनेथ आई जस्टर का डिफेन्स एक्सपो क दौरान यह कहना कि डिफेन्स एक्सपो रक्षा क्षेत्र में भारत के नवाचार और प्रतिभा को देखने का अद्भुत अवसर है। उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जा रहे डिफेंस कॉरीडोर में अमेरिका अधिक से अधिक भागीदारी चाहता है। डिफेंस एक्सपो की सफलता के लिए इसे एक बड़ी बात कहा जाएगा।
मोदी ने जारी किए 460 डिफेंस लाइसेंस
उधर केन्द्र सरकार भी रक्षा क्ष़ेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में 460 डिफेंस लाइसेंस जारी किए हैं। आर्टीलरी गन्स, एयरक्राफ्ट कॅरियर,फ्रिगेट्स, सबमरीन्स, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट्स, कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स जैसे अनेक साजो-सामान आज भारत में ही बन रहे हैं। टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल, टेररिज्म या साइबर थे्रट, यह पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। नई सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस नई टेक्नोलॉजी को इवॉल्व कर रही हैं। आने वाले पांच साल में डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर यानि करीब 35 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
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एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी
रक्षा का डिजीटल परिवर्तन टैग लाइन पर आधारित एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी डिफेंस एक्सपो 2020 में 1028 कंपनियां भाग ले रही हैं, जिसमें 272 कंपनियां विदेशी हैं। इस प्रदर्शनी में 500 महत्वपूर्ण बैठकें और 200 से ज्यादा एमओयू साइन होने की उम्मीद है। इंडिया अफ्रीका डिफेंस मिनिस्टर कॉन्क्लेव के साथ ही 15 अफ्रीकी देशों के रक्षामंत्री इसमें शामिल हुए। इंडिया रशिया इंडस्ट्रियल मिलिट्री कॉन्फ्रेंस में रूस के उद्योगमंत्री और भारत के रक्षामंत्री के समक्ष 5 एमओयू साइन किए गए। एक्सपो में बने इंडिया पवेलियन में 80 कंपनियों के 190 उत्पाद दिखाए गए हैं। वहीं, यूपी पवेलियन डिफेंस कॉरिडोर में संभावनाओं को दर्शाया गया।
फ्रांस के साथ पनडुब्बी निर्माण होगा
चेन्नई के बाद लखनऊ में हुए एक्सपो में साफ हुआ कि दुनिया के एक और ताकतवर देश फ्रांस के साथ मिलकर अब भारत पनडुब्बी का निर्माण करने जा रहा है। तय हुआ कि दोनों देश मिलकर तकनीकयुक्त पनडुब्बी मिसाइल और हेलीकाप्टर बनाएंगे। फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लिमैन ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। वहीं इंटरनेशनल कमीशन आफ जीफा के चेयरमैन बोनाड डुसैजी ने भी कहा कि भारत की रक्षा जरूरतों को देखते हुए उसके साथ काम करने की अपार संभावनाएं हैं।
150 कंपनियां मिलकर करेंगी काम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने का समय अब रक्षा क्षेत्र में भी दिखने लगा है। डिफेंस एक्सपो की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 150 कंपनियों ने पहले दिन ही भारत के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में एक साथ काम करने की बात कही। भारतीय स्टाल में लगभग 70 विदेशी प्रतिनिधियों ने एक साथ काम करने की हामी भरी जिनमें अमेरिका, इजरायल, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस भी शामिल थे।
छाई रहीं भारतीय रक्षा उत्पाद कंपनियां
डिफेंस एक्सपो के दौरान वैसे तो राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक हजार स्टाल लगाए गए, लेकिन भारतीयों कंपनियों के स्टालों पर विदेश से आए डेलीगेट्स की धूम रही। हिन्दुस्तान एयरोनेटिक्स लिमिटेट, लार्सन एंड टूब्रो, भारत फोब्र्स, ए विजन, भारत फोर्ज, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, पीटीसी इंडस्ट्रीय, जिन्दल स्टेनलेस लिमिटेड एवं पुंज कारपोरेशन ने अपने उत्पादों के प्रदर्शन से जहां अपना अन्तरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाया बल्कि भारत की साख को भी बढ़ाने का काम किया।
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‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि डिफेंस एक्सपो-2020 के माध्यम से ‘मेक इन इंडिया’ को प्रमोट करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी स्थापित किया जा सकेगा। क्लस्टर डेवलेपमेंट के माध्यम से विकसित किए जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल इको सिस्टम से देश को बहुत लाभ होगा। भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए विभिन्न देशों तथा ग्लोबल डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से सहयोग बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा। डिफेंस एक्सपो से हमें दुनिया की टेक्नालाजी को सीखने का भी मौका मिलने के साथ ही इसके बहाने विश्व की आर्थिक शक्ति बनने का भी अवसर मिलेगा।
भारतीय वायुसेना के शौर्य का प्रदर्शन
डिफेंस एक्सपो के दौरान भारतीय वायुसेना के विमानों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया जिसे देखकर देश के लोग दंग रह गए। दुनिया के लगभग 40 देशों के डेलीगेट्स के सामने सुखोई एसयू-30, चिनूक, एकआई-17, ग्लोबमास्अर, मार्कोस,डेयर डेविल्स, जगुआर तेजस डोर्नियर और ध्रुव को प्रदर्शित किया गया। इनमें से तेजस डोर्नियर और धु्रव को हिन्दुस्तान एयरोनेटिक्स लिमिटेड ने बताया है। आर्मी लाइव शो में बोफोर्स, बीएमपी, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, घुड़सवारी व घोड़े पर योग, अर्जुन टैंक, ब्रिज लेइंग सिस्टम, पैरा ट्रपर्स, डेयर डेविल्स के बाइक स्टंट भी लोगों को काफी पसंद आया। डिफेंस एक्सपो में नौसेना ने एक से बढक़र हैरतअंगेज करतब दिखाए। गोमती रिवर फ्रंट में आयोजित शो में जांबाजों ने अपनी बहादुरी से सभी को हैरान कर दिया। इसके अलावा यूपी पुलिस ने भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। यूपी कप एप, 112 आपात सेवा और एटीएस के हथियारों का भी यहां प्रदर्शन किया गया।
ये है भारत की ताकत
आश्विन एयर डिफेंस सिस्टम
आधुनिक मिसाइलों में से एक अश्विन बैलेस्टिक मिलसाइल एक ऐसा इंटरसेेप्टर है जो 60 हजार से एक लाख फिट की ऊंचाई पर जाकर दुश्मन देश के लड़ाकू विमान को मार गिरा सकता है। इसकी रेंज 100 से 125 मील की होती है जिससे दुश्मन की मिसाइल और लड़ाकू विमान को मार गिराया जा सकता है।
एंटी सेटेलाइट मिसाइल
एंटी सेटेलाइट मिसाइल अपने आप में अनूठी मिसाइल है। यह जमीन से 300 किलोमीटर ऊपर जाकर दुश्मन पर अटैक करती है। पूर्व राष्ट्रपति डा.एपीजे कलाम आईलैंड में एंटी सेटेलाइट मिसाइल को प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया जा चुका है। डीआरडीओ ने कई वर्षों के कड़े परिश्रम के बाद इसे बनाकर भारत को और शक्तिशाली बनाने का काम किया है।
ब्रम्होस
ब्रम्होस भारत की अत्याधुनिक मिसाइल है जो रडार की आंख से बचते हुए पानी के जहाज, पनडुब्बी अथवा जमीन से आसमान पर दुश्मन के लड़ाकू विमान अथवा मिसाइल पर हमला कर सकती है। डीआरडीओ ने यह मिसाइल तैयार की है और यह मिसाइल अमेरिका की टाम हाक से दूनी शक्ति वाली मिसाइल है। इसकी क्षमता अपने साथ 300 किलो तक की विस्फोटक सामग्री भी ले जाने की है।
मिग 21 बाइसन
पिछले साल पाकिस्तान की सीमा पर घुसकर उनके विमान एफ 16 को मार गिराने वाले मिग 21 को भी डिफेंस एक्सपो में रखा गया है जिसकी अधिकतम रफ्तार 2230 किलोमीटर प्रति घंटा है। सिंगल इंजन वाला यह विमान भारत के लिए एक सुपर विमान रहा है। डिफेंस एक्सपो में इसे देखने के लिए देशवासियों में बेहद उत्साह दिखा।
मिसाइल डिफ्यूजर रोबोट
डीआरडीओ के ही सहयोग से बना मिसाइल डिफ्यूजर रोबोट बम निरोधक दस्ते का काम करता है। यह बम के साथ ही मिसइल को भी बेकार कर देता है। यह लगातार छह घंटे तक काम कर सकता है।
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भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को देंगे रफ्तार: मोदी
डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यूपी के डिफेंस कॉरिडोर के तहत यहां लखनऊ के अलावा अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट और कानपुर में नोड्स स्थापित किए जाएंगे। अमेठी के कोरबा में इंडो-रशियन राइफल्स प्रा.लि. ज्वाइंट वेंचर के तहत राइफलों का निर्माण किया जा रहा है। भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को और गति एवं विस्तार देने के लिए नए लक्ष्य तय किए गए हैं। हमारा लक्ष्य रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एमएसएमई की संख्या को अगले 5 साल में 15 हजार के पार पहुंचाना है। आई-डेक्स के आइडिया को विस्तार देने, इसे स्केल-अप करने, 200 नए डिफेंस स्टार्ट-अप्स शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। हमारा यह प्रयास होगा कि कम से कम 50 नई टेक्नोलॉजीज और प्रोडक्ट्स का विकास हो सके।
मेक इन इंडिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम: राजनाथ
केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डिफेंस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य अपने देश को सुदृढ़, सशक्त और समृद्धशाली बनाना है। भारत जैसा विशाल देश इंपोर्टेड आम्र्स पर ज्यादा दिन तक निर्भर नहीं रह सकता है। यह इवेंट एक ग्लोबल बेंचमार्क के रूप में सामने आएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश वैश्विक संबंधों का सूत्रधार बनने जा रहा है। दुनियाभर में तेजी से बदल रही तकनीक को जानने, समझने और उससे जुडऩे के लिए डिफेंस एक्सपो-2020 एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा। मेक इन इंडिया को प्रमोट करने में भी यह आयोजन सहायक होगा।
दरअसल भारत चाहता है कि देश की प्रमुख इंडस्ट्री बॉडीज को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का एक कॉमन प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए, जिससे वह रक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के विकास और उत्पादन दोनों का लाभ उठा सकें। भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी गवर्नेंस से लेकर सिक्योरिटी तक में अहम भूमिका निभा रही है।
11 एयरपोर्ट का काम जल्द पूरा होगा: योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम रक्षा क्षेत्र में काफी आगे बढ़ रहे हैं और जल्द ही एचएएल निर्मित डोजियर विमान सेवाएं लखनऊ से वाराणसी, आगरा व बरेली के लिए शुरू होंगी। यह 19 सीट वाला विमान होगा। उन्होंने कहा कि इस समय छह एयरपोर्ट काम कर रहे हैं जबकि 11 पर काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बजट में छह डिफेंस कॉरिडोर बनाने की बात कही थी जिसमें दो कॉरिडोर यूपी में ही बनने जा रहे हें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके लिए एक अवसर आया है कि जब देश के प्रधानमंत्री की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश में डिफेंस सिस्टम के लिए हम काम कर सकें।