देवरिया में सपा नेता की दादागिरी, वर्कशॉप कर्मचारी से बोला- 'हमारी सरकार नहीं तो क्या, गाड़ी सहित फूंक दूंगा'
सपा नेता 17 सितंबर को कुछ लोगों के साथ सर्विस सेंटर पर आए थे। वहां कर्मचारी से धमकी भरे लहजे में बात की। संगम यादव ने कहा, 'मालिक को बोल देना एक लाख रुपए टैक्स पहुंचा दे, वर्ना...
Deoria SP Leader Audio Viral : समाजवादी पार्टी के नेता शैलेंद्र कुमार (Samajwadi Party leader Shailendra Kumar) उर्फ संगम यादव की गुंडागर्दी सामने आई है। उसका एक धमकी भरा ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें वो एक वर्कशॉप कर्मचारी को इंश्योरेंस क्लेम में पूरी गाड़ी ठीक न करने पर उसे कार सहित जिंदा जलाने की धमकी दे रहा है। हालांकि, इस मामले में शिकायत मिलने पर पुलिस ने दबंग सपा नेता पर रंगदारी और धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी नेता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
देवरिया के भुजौली कॉलोनी के रहने वाले शैलेंद्र कुमार यादव उर्फ संगम यादव समाजवादी युवजन सभा का राष्ट्रीय सचिव है। उसने फोन पर वर्कशॉप कर्मचारी को धमकाते हुए कहा, कि 'अखिलेश यादव की सरकार नहीं है तो क्या हुआ, मैं सपा का राष्ट्रीय सचिव हूं। यदि सर्विस सेंटर आऊंगा तो उसी गाड़ी में सबको बांधकर फूंक दूंगा।' इसके बाद पीड़ित कर्मचारी ने थाने में यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, चार दिन पहले आरोपी सपा नेता संगम यादव ने अपनी दुर्घटनाग्रस्त मारूति कार के इंश्योरेंस क्लेम के लिए राजकीय औद्योगिक आस्थान पुरवा स्थित मारुति कंपनी के एक सर्विस सेंटर पर भेजा। सर्वेयर ने बताया कि केवल कार के आगे का हिस्सा ही क्लेम के अनुसार ठीक होगा। इस बात की जानकारी एजेंसी के सर्विस एडवाइजर विक्रम पटेल ने शनिवार को सपा नेता को फोन पर दी तो वह भड़क गया। उसने फोन पर ही वर्कशॉप कर्मचारी को धमकाना शुरू कर दिया।
...वर्ना अंजाम सही नहीं होगा
17 सितंबर को सपा नेता कुछ लोगों के साथ सर्विस सेंटर पर आया और विक्रम पटेल से धमकी भरे लहजे में बात की। संगम यादव ने विक्रम पटेल से कहा कि, 'अपने मालिक को बोल देना कि एक लाख रुपए टैक्स पहुंचा दे, वरना अंजाम सही नहीं होगा।' बताया जा रहा है कि इस धमकी के बाद से वर्कशॉप कर्मचारी डरा हुआ है। वो कैमरे पर मीडिया से इस बारे में बातचीत करने से भी कतरा रहा है।
वर्कशॉप के मालिक ने ये बताया
वहीं, वर्कशॉप के मालिक योगी अरोरा का कहना है, कि 'इंश्योरेंस क्लेम के निर्धारण में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है। हम बस पूरा एस्टीमेशन कर इसे बीमा कंपनी को भेज देते हैं। आगे क्या करना है, ये बीमा कंपनी ही तय करती है। संगम यादव की गाड़ी के केस में भी इसी प्रक्रिया को अपनाया गया।'