Lok Sabha Election 2024: देवरिया के लिए शशांक पर भाजपा को भरोसा, स्थानीय भी और दमदार भी

Deoria News: भाजपा ने देवरिया लोकसभा सीट से मंगलवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी ने डॉ. रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटते हुए शशांक मणि त्रिपाठी पर दांव लगाया है।

Written By :  Sanjay Tiwari
Update: 2024-04-16 13:16 GMT

शशांक मणि त्रिपाठी। (Pic: Social Media)

Deoria Lok Sabha Seat: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार देवरिया की जनता की सुन ली है। सीट पर बाहरी को मौका नहीं दिया गया। वर्षों से बाहरी नेतृत्व का दंश झेल रही इस सीट पर इस बार पार्टी ने सम्पूर्ण रूप से स्थानीय चेहरे पर ही भरोसा किया है। स्व पंडित सुरति नारायण त्रिपाठी के पौत्र और जनरल एसपीएम त्रिपाठी के पुत्र शशांक मणि त्रिपाठी को भाजपा ने अपनी ओर से चुना है। इस परिवार का इतिहास पूर्वांचल के सभी लोग ठीक से जानते हैं।

भाजपा ने लगाया है शशांक मणि त्रिपाठी पर दांव

शशांक मणि त्रिपाठी के एक चाचा सिरी बाबू यानी श्रीनिवास मणि त्रिपाठी और दूसरे चाचा एसवीएम त्रिपाठी, पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश के बारे में भी क्षेत्र जनता है। शशांक स्वयं में काफी रचनात्मक व्यक्ति हैं। भाजपा ने देवरिया लोकसभा सीट से मंगलवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी ने डॉ. रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटते हुए शशांक मणि त्रिपाठी पर दांव लगाया है। मूलतः देवरिया जिले के बैतालपुर क्षेत्र के बरपार के रहने वाले 54 वर्षीय शशांक मणि त्रिपाठी पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया से 1996 और 1999 में भाजपा के सांसद रहे।

2004 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े

सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। उन्हें देवरिया से भाजपा का पहला सांसद होने का गौरव मिला था। आईआईटी दिल्ली से बीटेक और आईएमडी लुसान से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद शशांक मणि ने अपने पिता श्रीप्रकाश मणि और दादा सूरत नरायण मणि की विरासत को संभालते हुए सार्वजनिक जीवन में कदम रखा। उनके दादा सूरत नरायण मणि एक लोकप्रिय आईएएस अधिकारी रहे। वर्ष 2008 में शशांक मणि ने जागृति यात्रा की शुरूआत की। आगे चलकर अपने गांव बरपार में जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल की नींव रखी। उन्होंने बैतालपुर में कॉल सेंटर की स्थापना की।उनकी संस्था जागृति देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महाराजगंज समेत पूर्वांचल के कई जिलों में उद्यम को बढावा देने का कार्य कर रही है। इनकी तीन पुस्तकें भी मिडिल ऑफ डॉयमंड इंडिया, भारत एक स्वार्णिम यात्रा व इंडिया प्रकाशित हो चुकी हैं। शशांक वर्ष 2004 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए थे।

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