Deoria News: लापरवाह डॉक्टरों की करतूत, महिला की बच्चेदानी के साथ सील दी यूरिन नली, मौत
Deoria News: प्रसव पीड़ा होने पर महिला का डाक्टरो ने ऑपरेशन के दौरान बच्चेदानी के साथ यूरिन नली भी सील दी। डॉक्टरों की इस लापरवाही की शिकार संध्या बुधवार को अपनी जिंदगी कि जंग हार गयी।
Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद मे दो माह पहले प्रसव पीड़ा होने पर महिला का डाक्टरो ने ऑपरेशन के दौरान बच्चेदानी के साथ यूरिन नली भी सील दी। डॉक्टरों की इस लापरवाही की शिकार संध्या बुधवार को अपनी जिंदगी कि जंग हार गयी। परिजनों के सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोर्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज देवरिया भेज दिया। इसकी शिकायत संध्या के ससुर रामसागर पटेल ने जिलाधिकारी तथा सीएमओ से की।
यह था मामला
जनपद के पथरदेवा विकास खंड के मुंडेरा, पाण्डेयपुर निवासी रामसागर पटेल ने बताया कि उनकी बहु संध्या को 19 जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर पथरदेवा क़स्बा के कालेज रोड स्थित एक निजी अस्पताल पर ले गए। जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन करना पड़ेगा। उसके बाद संध्या देवी को ऑपरेशन से एक बच्ची पैदा हुई। ऑपरेशन के बाद मरीज को यूरिन होने मे दिक्क़त होने लगी। परिजनों ने हॉस्पिटल के डाक्टरों से समस्या बताई लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर एक सप्ताह बाद हॉस्पिटल संचालक ने संध्या देवी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया।
संध्या को लेकर उसके परिजनों ने जिला अस्पताल मेडिकल कालेज सहित कई हॉस्पिटल मे इलाज कराया। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। थक हार कर गोरखपुर के एक निजी अस्पताल पहुंचे। जहाँ पर डाक्टरों ने संध्या देवी का परीक्षण किया तो पता चला कि पथरदेवा के हॉस्पिटल मे ऑपरेशन के दौरान संध्या की पेशाब नाली को उसके बच्चेदानी के साथ सील दिया है।
जिसकी वजह से उसकी बच्चेदानी और किडनी मे संक्रमण हो गया है और इस वजह से उसकी बच्चेदानी को काटना पड़ेगा तथा किडनी को डायलीसिस करना होगा। डाक्टरों ने संध्या के बच्चेदानी को काटकर निकाल दिया और इलाज शुरू कर दिया। लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर डाक्टरों ने संध्या के परिजनों से घर ले जाने की बात कही और उसे डिस्चार्ज कर दिया। इसके बाद संध्या की बुधवार को मौत हो गयी।
संध्या के इलाज के लिए बेच दी खेती, नहीं बची जान
रामसागर पटेल ने बताया हम बहुत ही गरीब है, संध्या को प्रसव पीड़ा होने पर उस हॉस्पिटल मे इलाज के लिए गए। जहाँ डाक्टरों ने बहु का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन से एक बच्ची पैदा हुई। लेकिन बहु संध्या का इलाज देवरिया मेडिकल कॉलेज और उसके बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कराया। मगर कोई सुधार नहीं हुआ। गोरखपुर के एक निजी हॉस्पिटल मे भर्ती कराया वहां भी इलाज हुआ लेकिन बहु को बचा नहीं सके। उन्होंने प्रशासन से उस हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा मुवावजा दिलाने की भी मांग की है।
स्वास्थ विभाग ने अस्पताल को किया सील
रामसागर पटेल ने जिलाधिकारी तथा सीएमओ से अस्पताल के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कार्यवाही करने की मांग मांग की थी। जिसपर स्वास्थ विभाग ने अस्पताल को सील कर उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है।
पहली बार नहीं हुआ है ऐसा
पथरदेवा के कॉलेज रोड स्थित इस हॉस्पिटल का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी इस अस्पताल में 2015 में तरकुलवा थाना क्षेत्र की एक महिला की भी इस अस्पताल में ऑपरेशन के दो दिन बाद ही मौत हो गयी। जिसके बाद संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद मे मामला रफा दफा हो गया था।
2017मे इसी अस्पताल में बिहार के कटेया की एक शिक्षिका की भी ऑपरेशन के दौरान मौत हो गयी। उस मामले में भी परिजनों ने थाने मे शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। सूत्रों कि माने तो संचालक की ऊँची पहुंच से वह हर बार बच जाता है। इस सम्बन्ध मे नोडल अधिकारी डॉ आरपी यादव ने बताया कि उस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर उसे सील कर दिया गया है।