Deoria Murder Case: देवरिया हत्याकांड में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 11 लोगों के असलहे का लाइसेंस निरस्त

Deoria Murder Case: चर्चित देवरिया सामूहिक हत्याकांड ने देशभर में यूपी पुलिस की एकबार फिर से भारी फजीहत कराई है। इस घटना के बाद से पुलिस और जिला प्रशासन लगातार एक्शन में है। अब इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के असलहे का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।

Update: 2023-10-18 10:10 GMT

देवरिया हत्याकांड में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 11 लोगों के असलहे का लाइसेंस निरस्त: Photo- Social Media

Deoria Murder Case: चर्चित देवरिया सामूहिक हत्याकांड ने देशभर में यूपी पुलिस की एकबार फिर से भारी फजीहत कराई है। इस घटना के बाद से पुलिस और जिला प्रशासन लगातार एक्शन में है। अब इस मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के असलहे का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। देवरिया डीएम ने ये कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के रिपोर्ट पर की है। अब पुलिस रद्द किए गए असलहों को जमा कराने में जुटी हुई है। ऐसे 8 असलहे जमा करा लिए गए हैं और तीन और की तलाश जारी है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, फतेहपुर ग्राम पंचायत में अभी तक 28 लोगों के पास असहले का लाइसेंस रहा है। घटना के बाद मृतक प्रेमचंद यादव समेत 17 लोगों के असलहे का लाइसेंस निरस्त करने का निर्णय लिया गया। मंगलवार को मृतक प्रेमचंद यादव, उमेश यादव, कन्हैया, निशांत, रामनगीना, चंद्रप्रकाश,कमलेश, सुरेंद्र व शारदा के असलहे के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। तीन अन्य लोगों अभयनाथ यादव, गेंदा लाल यादव और अनिरूद्ध यादव का लाइसेंस पहले ही निरस्त किया जा चुका है। आने वाले दिनों में बाकी बचे हुए लोगों के असलहे के लाइसेंस भी निरस्त होंगे, इसकी रिपोर्ट देवरिया एसपी ने डीएम को भेज दी है।

प्रेमचंद यादव के रायफल से हुई थी हत्या

वारदात के दिन मृतक प्रेमचंद यादव के ही रायफल से उसके ड्राइवर नवनाथ मिश्रा ने सत्यप्रकाश दुबे के परिवार पर गोली चलाई थी। उसने तीन से चार राउंड फायर किया था, जिसमें दुबे समेत परिवार के पांच सदस्य मारे गए थे। पुलिस ने बाद में नवनाथ को उस रायफल के साथ गिरफ्तार कर लिया था। जांच में पता चला कि रायफल प्रेमचंद यादव के ही नाम पर था, जिसका लाइसेंस अब निरस्त कर दिया गया है।

जमीनी विवाद में छह लोगों की गई थी जान

पूर्वी यूपी के देवरिया जिला के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर को जमीनी विवाद में छह लाशें गिरीं। जिनमें एक को छोड़कर बाकी पांच एक ही परिवार के थे। प्रेमचंद यादव और सत्यप्रकाश दुबे के बीच लंबे समय से जमीन का विवाद चल रहा था, मामले की सुनवाई कोर्ट में भी चल रही थी। इसी बीच पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या कर दी गई, जिसके बदले में उसके परिवार वाले ने सत्यप्रकाश दुबे समेत उसके परिवार को मौत के घाट उतार दिया। दुबे का दो बेटा बस जीवित रह गया है।

वारदात के इतने दिन बीत जाने के बावजूद गांव में तनाव का माहौल है। दोनों पक्षों के अलग-अलग जाति से ताल्लुक रखने के कारण मामले पर राजनीति पर जमकर हुई। फिलहाल गांव में 8 नवंबर तक धारा 144 लागू है। साथ ही भारी संख्या में पुलिसफोर्स तैनात है। 

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