कोरोना से जंग: गांवों में जिला स्तरीय अधिकारियों की सेक्टर प्रभारी के रूप में होगी तैनाती

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली की सराहना नीति आयोग द्वारा की गई है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-05-15 15:05 IST

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गांवों में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसलिए कोविड प्रबंधन में निगरानी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए अब हर जनपद में सचिव अथवा उससे उच्च स्तर के एक अधिकारी को नामित किया जाएगा। साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर प्रभारी के रूप में तैनात किया जाएगा ।

बतातें चले कि अब प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या दो लाख से कम होकर 1,93,815 रह गई हैं। विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में सर्वाधिक 3 लाख 10 हजार 783 एक्टिव केस थे, जिसके सापेक्ष बीते 14 दिनों में एक्टिव केस की संख्या में लगभग 01 लाख 17 हजार की गिरावट दर्ज हुई है। फिर भी राज्य सरकार कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती है। इस समय गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से व्यापक जांच अभियान भी चलाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा नीति आयोग (NITI Aayog) ने भी प्रदेश सरकार के इस अभियान की सराहना की है।

मेडिकल किट वितरण की व्यवस्था

उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि निगरानी समितियां गांवों में घर-घर भ्रमण कर लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। यह समितियां होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तथा संदिग्ध लक्षणयुक्त लोगों को मेडिकल किट वितरित करती हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल किट वितरण की व्यवस्था की सतत निगरानी की जाए। निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को उपलब्ध कराएं। इसके अलावा जिलाधिकारी के माध्यम से इस विवरण की एक प्रति स्थानीय सांसदों तथा विधायकों को उपलब्ध कराया जाए, ताकि यह जनप्रतिनिधि मेडिकल किट प्राप्त कर स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों से संवाद कर सकें। इससे व्यवस्था का क्रॉस वेरिफिकेशन भी हो सकेगा।

योगी (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लागू की गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली (Online oxygen tracking system) की सराहना नीति आयोग द्वारा की गई है। साथ ही ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग अभियान पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए। यह कार्य कोविड से बचाव के साथ साथ विभिन्न संचारी रोगों से भी सुरक्षित रखने में भी उपयोगी होगा।

स्वच्छता अभियान के लिए जागरूक किया जाए- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व के संबंध में लोगों को सतत जागरूक किया जाए। नदियों को स्वच्छ और निर्मल रखना सभी का दायित्व है। केंद्र व राज्य सरकार नदियों को स्वच्छ रखने के लिए विशेष योजनाएं संचालित कर रही हैं। किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए शव को जल में प्रवाहित करना पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद स्थापित करते हुए, लोगों को जागरूक करने में उनका सहयोग प्राप्त किया जाए। संबंधित ग्राम पंचायतों तथा शहरी निकायों के पदाधिकारियों द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए बताया जाए कि वे किसी स्थानीय परंपरा के तहत शव का जल प्रवाह न करें। इस संबंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग मिलकर कार्ययोजना बना कर ऐसी परंपराओं पर प्रभावी रोक लगाएं।

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