कच्छा बनियान गिरोह की दस्तक से पुलिस की उड़ी नींद, यूपी में हाई अलर्ट

डीजीपी ने ऐसी वारदातों को रोकने के मकसद से हर जिले की पुलिस को सख्त हिदायत दी है। डीजीपी के एक पत्र में पुलिस को नई कालोनियों और खासकर घुमंतू जाति के लोगों पर विशेष निगाह रखने को कहा गया है। सभी एसएसपी व एसपी को सख्ती बरतने और रात्रिगश्त बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है।

Update:2020-01-06 19:57 IST

लखनऊ। प्रयागराज में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या और लूटपाट की घटना में कच्छा बनियान गिरोह का नाम आने के बाद सूबे की पुलिस चौकन्नी हो गई है। डीजीपी ने ऐसी वारदातों को रोकने के मकसद से हर जिले की पुलिस को सख्त हिदायत दी है। डीजीपी के एक पत्र में पुलिस को नई कालोनियों और खासकर घुमंतू जाति के लोगों पर विशेष निगाह रखने को कहा गया है। सभी एसएसपी व एसपी को सख्ती बरतने और रात्रिगश्त बढ़ाने का निर्देश भी दिया गया है।

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में दूर-दूर बनी बस्तियों व एकान्त में बने मकानों को ग्राम/मोहल्ला वाइज चिन्हित कर लें। उस क्षेत्र के बीट आरक्षी को इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि उसके बीट क्षेत्र में कौन सा मकान आबादी से दूर स्थित है, किस मकान में वृद्ध व्यक्ति अथवा महिलायें/बच्चे रहते हैं तथा पुरूष सदस्य अपेक्षाकृत कम रहते हैं अथवा बाहर रहते हैं, क्योंकि ऐसे घरों को ही इस प्रकार के गिरोह अपना लक्ष्य बनाते हैं।

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पत्र में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ऐसे घरों के आस-पास पुलिस की सक्रियता रात्रि काल में अधिक हो, ऐसे घरों में निवास करने वाले परिवारों के पास बीट के आरक्षी एवं उपनिरीक्षक का मोबाइल नम्बर अवश्य हो ताकि आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित पक्ष उनसे तत्काल सम्पर्क कर सकें।

गश्त पर खास जोर के निर्देश

प्रत्येक प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में रात्रि में पर्याप्त संख्या में गश्त निकालें तथा गश्त पर उनकी उपलब्धता एवं सक्रियता की जांच औचक रूप से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करें, संवेदनशील/अतिसंवेदनशील राजमार्गो पर गश्त हेतु पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग वाहन लगाए जाएं तथा संवेदनशील स्थलों पर सुदृढ़ पुलिस पिकेट लगायी जाए।

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थानों/चैकियों पर लगे वायरलेस एवं अन्य संचार उपकरणों के क्रियाशील होने के सम्बन्ध में नियमित रूप से चेकिंग की जाए। विगत वर्षो में इस प्रकार की जो भी घटनायें हुई हैं, उनमें प्रकाश में आये अपराधियों का सत्यापन अभियान नये सिरे से चला कर उनकी गतिविधियों पर निरंतर सर्तक दृष्टि रखी जाए।

इन स्थानों पर हो सकते हैं डेरे

कच्छा बनियान/घुमक्कड़ गिरोह के अपराधियों के शहरों के बाहरी इलाकों, रेलवे लाइन के किनारे, बस अड्डों/टैक्सी स्टैंडों एवं सड़कों के आस-पास खाली स्थानों पर अस्थायी डेरे रहते हैं, अतः ऐसे सभी स्थानों एवं हाईवे के किनारे बने ढाबों पर नियमित चेकिंग करायी जाए। इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी निर्दोष व्यक्ति को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।

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ऐसे पेशेवर अपराधियों के जमानतदारों का पता लगाकर उनकी गतिविधियों पर निरंतर सर्तक दृष्टि रखी जाए। जनपदों में ऐसे आवासीय क्षेत्र जो शहर से बाहर हों एवं अपराध की दृष्टि से संवेदनशील हों तो उन स्थानों पर विशेष रूप से रात्रि 11 बजे से प्रातः 05 बजे के मध्य प्रभावी गश्त की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। इस कार्य हेतु हूटर/सायरन लगी गाड़ी का प्रयोग किया जाना भी लाभप्रद होगा।

कबाड़ियों पर रखें नजर

ऐसे अपराधी सुनसान इलाकों में यथा कबाड़ी/फेरी आदि के रूप में मकानों की रेकी करते हैं, अतः ऐसे लोगों की विधिवत् चेकिंग की जाए एवं सर्तक दृष्टि रखी जाए। ग्राम मोहल्ला सुरक्षा समितियों/शहरी सुरक्षा समितियों को और क्रियाशील बनाकर आवश्यक कार्यवाही की जाए। कम्यूनिकेशन प्लान/एस-10 का प्रभावी प्रयोग भी इस दिशा में लाभप्रद होगा।

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ग्रामों/मोहल्लों के संभ्रान्त व्यक्तियों/विशेष पुलिस अधिकारियों एवं डिजिटल वालन्टियर का भी यथोचित सहयोग लिया जाए ताकि सूचना का आदान-प्रदान त्वरित हो सके। यूपी-112 की गाड़ियों में लगे स्टाफ को इस संबंध में विशेष रूप से ब्रीफ किया जाए तथा आवश्यकतानुसार इस दृष्टिकोण से उनका क्षेत्र पुर्ननिर्धारित किया जाए।

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