लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के आलाकमान डीजीपी ओपी सिंह (DGP Op Singh) ने नोएडा एसएसपी वैभव कृष्णा से जुड़े विवादों को लेकर प्रेस वार्ता की। इस दौरान डीजीपी ने एसएसपी वैभव कृष्ण के विवादित वायरल वीडियो को लेकर कहा कि मामले की जांच शुरू हो गयी है। वहीं एसएसपी ने कुछ आईपीएस अफसरों पर ट्रांसफर रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया था, इसको लेकर भी जांच की जा रही है।
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ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार हुए थे पांच पत्रकार:
डीजीपी ने पिछले साल अगस्त में पांच पत्रकारों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस ने पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस में अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैसे पत्रकार अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरोपी पत्रकारों में से चार जेल में हैं, वहीं एक फरार चल रहा है।
एसएसपी ने सरकार को भेजे थे गोपनीय दस्तावेज:
डीजीपी ने कहा कि एसएसपी नोएडा ने इस मामले में गोपनीय दस्तावेज भेजे थे। इन सबूतों की जांच मेरठ जोन के अधिकारी कर रहे हैं। वहीं 26 दिसंबर को एडीजी जोन ने जांच के लिए 15 दिन का वक्त माँगा था।
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एसएसपी का वीडियो हो रहा वायरल:
इसके अलावा हाल में ही एसएसपी नोएडा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। डीजीपी ने कहा कि एसएसपी ने इस बाबत मुकदमा दर्ज करवा दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच एसपी हापुड़ कर रहे हैं।आईजी मेरठ जोन इसको मॉनिटर कर रहे हैं। वहीं उन्होंने एसएसपी द्वारा सरकार को भेजे गये गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने की बात भी कही।
दस्तावेज लीक होने की जांच कर रहे अधिकारी:
लीक दस्तावेजों के मामले में एसएसपी से पूछताछ की जा रही है कि आखिरकार उन्होंने गोपनीय दस्तावेज को क्यो लीक किया। डीजीपी ने कहा कि एसएसपी कृष्णा ने सर्विस रूल के खिलाफ काम किय़ा है।ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल की धारा 9 के तहत पूछताछ होगी। इस गोपनीय दस्तावेज मे पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी मनोज भदौरिया का भी नाम हैं।